समोसा..क्या है इस सुपर स्नैक की कहानी, विदेश से आया है ये लोकप्रिय व्यंजन

1 Rupee Samosa

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। समोसा..ये नाम सुनकर भला किसके मुंह में पानी नहीं आएगा। हमारे देश में समोसा (Samosa) सबसे लोकप्रिय देसी फास्ट फूड या स्ट्रीट फूड है। इस तिकोने व्यंजन का जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोलता है। अब समोसे के भी कई संस्करण बाजार में आ गए हैं। फ्राइड समोसा तो हमेशा से प्रचलन में था ही और हैल्थ कॉन्शियल लोगों के लिए बेक्ड समोसा भी उपलब्ध है।

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समोसे में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिलिंग है आलू की। लेकिन आलू के अलावा मटर, कॉर्न, स्प्राउट्स, पत्तागोभी गाजर, ड्राईफ्रूट्स, चीज़, पनीर से लेकर कीमा और नूडल्स तक भरे जाते हैं। अरसे से मीठा समोसा भी मौजूद है। ऐसा लगता है जैसे समोसा हमेशा से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये एक विदेशी व्यंजन है और सालों पहले मध्यपूर्व से व्यापारियों के माध्यम से यहां आया था।

समोसा अब एक इंटरनेशनल स्नेक्स बन चुका है। इसके इतिहास के बारे में जानें तो कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ये दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में ईजाद हुआ था। व्यापारियों के माध्यम से 13-14वीं शताब्दी में ये स्वादिष्ट व्यंजन भारत पहुँचा। महान कवि अमीर खुसरो ने भी एक स्थान पर समोसे से मिलते जुलते पकवान का जिक्र किया है। उन्होने लिखा है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौर में स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था।

इस तरह देखा जाए तो समोसे की उम्र काफी बड़ी है। लेकिन अब तक उसके आकार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। भले ही अंदर कुछ भी भरा जाए लेकिन ये हमेशा से त्रिकोण ही रहा है। शाकाहारी और मांसाहारी..दोनों तरह के लोगों के लिए समोसा उपलब्ध है। आपको जो भी चीज़ पसंद हो, इसमें भरकर बना सकते हैं। आप जिस भी जगह जाएंगे, वहां समोसे के स्वाद में कुछ स्थानीय टच जरूर महसूस करेंगे। अब तो लिए तमाम बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने इसे फ्रोज़न फूड के रूप में भी बाजार में उतार दिया है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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