वैसे तो चूल्हा सुलगाने के लिए कोयला या कंडों का उपयोग किया जा सकता है पर जल्दी की खातिर या जानकारी के अभाव में कभी कभी कुछ लोग पॉलिथीन का उपयोग भी करते हैं। इससे धुआं तो तेजी से हो सकता है पर यही धुआं सेहत पर खराब असर भी डाल सकता है। पॉलिथीन के धुएं के विषैले तत्व आंटे के गुणों पर तो असर पड़ेगा ही रोटी सेंकने वाले और चूल्हे के आसपास बैठे तमाम लोग उस दूषित हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होंगे। इसलिए जब भी चूल्हा सुलगाएं पॉलिथीन जलाने की गलती न करें।
पुराने कपड़े न जलाएं
जल्दबाजी के चक्कर में पुराने मोटे कपड़े जलाकर चूल्हा सुलगाने की कोशिश भी न करें। इससे आग बहुत तेजी से लगती है। शहरों के घर आमतौर पर सामान से भरे होते हैं ऐसे में जरा सी चूक या लापरवाही किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है।
टायर न जलाएं
देर तक आग जलाने के लिए टायर का टुकड़ा सुलगाने का विचार भी बड़ी गलती साबित हो सकता है। पहली बात तो टायर जलने से हवा दूषित है जिसमें सांस लेना ही नुकसानदायी है, इसके अलावा उससे आने वाली बदबू से भी खाने का सौंधापन बरबाद हो सकता है। अस्थमा, आंखों में जलन और सांस से जुड़ी हुई कई तकलीफें इसके धुएं से हो सकती हैं।
पुराने पत्ते न जलाएं
पुराने सूखे पत्ते जलाकर भी चूल्हा सुलगाने की कोशिश होती है पर, याद रखें हर पत्ते से उठने वाला धुआं फायदेमंद नहीं होता, कुछ पत्तों से उठने वाला धुआं आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए पुराने और सूखे पत्तों को जलाने से भी बचें।
अपने कपड़ों पर भी दें ध्यान
चूल्हा सुलगाते समय अगर आपने भी ऐसे कपड़े पहने हैं जो जल्दी आग पकड़ते हैं तो आप भी सावधान रहें। कोशिश करें कि आप खुद ऐसे कपड़े पहने जिसमें सुरक्षित रहें। आपके कपड़े ज्यादा ढीले न हों जिनकी अनदेखी किसी हादसे की वजह बन जाए। चूल्हे के आसपास काम करते समय भी पूरी सावधानी बरतें।
यानि आप हम इतना कहना चाहते हैं कि आप पारम्परिक रसोई का आनंद ले और चूल्हे की सौंधी स्वाद वाली रोटियां खाएं लेकिन सावधानी के साथ। क्योंकि चूल्हे की रोटियों में स्वाद और पौष्टिकता दोनों होती हैं इसलिए ऊपर दी गई बातों का ध्यान रखते हुए रोटी का स्वाद बढ़ाएं और सेहतमंद रहें।