सेक्स, संगीत और भोजन से मिलती है एक सी किक, जानिए ऐसे ही दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य

अक्सर देखा गया है कि पिता बेटे की बजाय बेटी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इस विषय पर हुई मनोवैज्ञानिक रिसर्च बताती है कि पिता का दिमाग बेटियों और बेटों के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है। वे अपनी बेटियों की जरूरतों के प्रति अधिक चौकस और उत्तरदायी होते हैं, उनके बारे में अधिक बात करते हैं और उनके प्रति अपनी भावनाओं को भी खुलकर व्यक्त करते हैं।

Psychology

Psychological Facts : मनोविज्ञान के क्षेत्र में लंबे समय से कई तरह के अध्ययन और रिसर्च हुए हैं और अब भी जारी है। विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक तथ्य इन अध्ययनों, अनुसंधानों, और प्रयोगों के माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं। यह तथ्य विभिन्न मानक प्रोत्साहित करते हैं, जैसे एक्सपेरिमेंटल स्टडीज, सर्वेक्षण, नेतृत्व, और केस स्टडीज इत्यादि। मनोविज्ञान ने मानव समझ को विकसित किया है और उसे समझने के लिए विभिन्न विज्ञानों के साथ काम किया है, जैसे न्यूरोसाइंस, न्यूरोप्सिकोलॉजी और विभिन्न शिक्षा विज्ञान। मनोविज्ञान ने समाज के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान किया है, क्योंकि यह समाज में स्थिरता, समर्थन, और विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। आज हम आपके लिए कुछ दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य लेकर आए हैं।

मनोवैज्ञानिक तथ्य

  1. कोई कार्य पूरा होने में कितना समय लेगा, इसे लेकर हम हमेशा कम समय आंकते हैं। छात्र अपने “सबसे यथार्थवादी” अनुमान से औसतन 3 सप्ताह बाद और अपने “सबसे खराब स्थिति” से एक सप्ताह बाद कार्य समाप्त करते हैं। नियोजन की इस अत्यधिक आशावादी पद्धति को मनोवैज्ञानिकों द्वारा नियोजन भ्रांति (planning fallacy) कहा जाता है।
  2. हम सभी सोचते हैं कि हम औसत से बेहतर ड्राइवर हैं। हालांकि, सांख्यिकीय रूप से ऐसा होना असंभव है लेकिन जब पूछा जाएगा तो अधिकांश लोग जवाब देंगे कि वे औसत से बेहतर ड्राइवर हैं। यदि उन्हें बताया जाए कि अन्य लोग उनसे असहमत हैं, तो वे बस यह तर्क देंगे कि दूसरों की अच्छी ड्राइविंग श्रेणी उनकी जितनी सटीक नहीं है।
  3. सौ लोगों में से एक को सचमुच दूसरे का दर्द महसूस होता है। न्यूरोसाइकोलॉजिस्टों ने पता लगाया है कि अभिव्यक्ति, “मुझे पता है कि आप क्या महसूस करते हैं” हम में से कुछ के लिए वास्तविक सत्य है। ये लोग, जब दूसरों को छूते हुए या आहत होते हुए देखते हैं, तो उसी स्पर्श का अनुभव करते हैं या ऐसा महसूस करते हैं जैसे उन्हें चोट लगी है।
  4. ये बात ताज्जुब में डाल सकती है लेकिन शोध के अनुसार, शास्त्रीय संगीत के प्रशंसकों और हेवी मेटल को पसंद करने वालों का व्यक्तित्व एक जैसा होता है।
  5. जब आप संगीत सुनते हैं तो आपको जो ठंड सी महसूस होती है, वह आपके मस्तिष्क द्वारा डोपामाइन जारी करने के कारण होती है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो आनंद का कारण बनता है। सेक्स और खाने के दौरान भी मस्तिष्क यही फील-गुड हार्मोन जारी करता है। इसका अर्थ ये है कि सेक्स, संगीत और भोजन से हमें जो किक फील होती है..वो इसी डोपामाइन के कारण है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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