नीमच, कमलेश सारडा। नीमच (Neemuch district) में प्रशासन भले ही डेंगू (Dengue) की रोकथाम को लेकर लाख दावे कर रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत और तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही हैं। दरअसल नीमच जिले में डेंगू काफी तेजी से अपने पैर पसार रहा है। यहां 45 दिनों में 44 मरीज डेंगू के सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका द्वारा डेंगू की रोकथाम को लेकर दावे जरूर कर रहा है लेकिन यहां पर प्रतिदिन डेंगू के मरीजों की तादात बढ़ती ही जा रही है।
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बात की जाए नीमच की तो यहां पर करीब 45 दिनों में 44 मरीज डेंगू के सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल की दीवार पर डेंगू की रोकथाम के लिए एडवाइजरी चस्पा करके इतिश्री जरूर कर ली है, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। नीमच शहर की पार्ष बोहरा कॉलोनी में मकानों के पास खाली पड़े प्लाट पर बरसात का पानी जमा है जिसकी वजह से यहां पर मच्छर व अन्य जीव-जंतुओं का खतरा बना है। यहां कॉलोनी वासियों का कहना है कि कई बार नगर पालिका में इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन हमारी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं जिन्हें भी हम घर में ही कैद करके रखते हैं, उन्हें बाहर खुले में नहीं रहने देते हैं, क्योंकि यहां पर जमा पानी से डेंगू मलेरिया का खतरा बना हुआ है।
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यहां लोग भय के साए में जीने को मजबूर है। बरहाल जिला प्रशासन डेंगू के लार्वे को ग्रामीण क्षेत्रों में खोजने की बात कह रहा है लेकिन शहर की तस्वीरें ही जिला प्रशासन को चिड़ा रही हैं। कुल मिलाकर जिला प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जागरूक होने की आवश्यकता है। यदि कहीं पर भी अपने घर के आस-पास लंबे समय से बरसात का साफ पानी इकट्ठा है तो उसे वहां से खत्म कर दें।