अनूपपुर। अनीश तिगाला।
सबसे बड़ा सुख निरोगी काया होता है। अच्छी जीवन शैली अच्छे स्वास्थ्य के लिए अहम है। जनजातीय कार्य एवं विमुक्त घुमक्कड़ अर्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण मंत्री मध्य प्रदेश शासन ओमकार सिंह मरकाम करपा में आयोजित स्वास्थ्य एवं पोषण सम्मेलन के दौरान आमजनो को सम्बोधित कर रहे थे। आपने कहा शासन द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सुधार करने के साथ स्वस्थ जीवन शैली के प्रति जागरूकता लाने एवं अच्छे पोषण पर सतत रूप से कार्य किया जा रहा है। उपचार सुविधाओं के साथ सुरक्षात्मक उपाय भी आवश्यक है। आपने कहा जनजातीय समुदाय की परम्परागत जीवन शैली, स्थानीय जड़ी बूटियों के चिकित्सकीय गुणो पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही आपने उपस्थित जनो से नशे से दूर रहने की अपील की। आपने कहा नशा व्यक्ति के विकास में सबसे बड़ा बाधक है। इस दौरान आपके द्वारा मदद योजना, आष्टान योजना, आहार अनुदान योजना एवं जनजातीय समुदाय के आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास हेतु संचालित योजना की जानकारी दी गयी। श्री मरकाम ने विधायक पुष्पराजगढ़ की माँग पर करपा में उच्च्तर माध्यमिक भवन निर्माण हेतु स्वीकृति एवं बजट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। आपने जनस्वास्थ्य संगठन के प्रयास की सराहना की एवं कहा कि परिणामों की वृहद समीक्षा की जाएगी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने पर इस प्रयास को और वृहद रूप दिया जाएगा।
बच्चों का कुपोषण न सिर्फ़ शारीरिक अक्षमता का कारण बनता है साथ ही यह मानसिक कमजोरी की भी अहम वजह है। विधायक पुष्पराजगढ़ फ़ुँदेलाल सिंह मार्को ने कहा कि राज्य शासन के साथ जन स्वास्थ्य सहयोग संस्थान ने आगे आकर सराहनीय किया है। आपने कहा संस्थान के प्रयास से अनूपपुर ज़िले के जनजातीय बहुल क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के कठिन भौगोलिक अंचल में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हो रही हैं। शासन के साथ संस्थान कदम से कदम मिलाकर आमजनो के स्वास्थ्य संरक्षण एवं सुधार के लिए कार्य कर रही है। इस दौरान आपने शासन द्वारा जनजातीय वर्ग के हितों हेतु संचालित योजनाओं सहित आमजनो के कल्याण के लिए शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं से अवगत कराया।
सिकल सेल ऐनीमिया बीमारी, कुपोषण एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की दिशा में जन स्वास्थ्य सहयोग संस्था पिछले दो वर्षों से अनूपपुर जिले में लगातार कार्यरत है। इन्हीं मुद्दों पर जन जागरूकता को बढ़ाने और संस्था के अनूपपुर में चल रहे कार्यक्रमों से सभी को अवगत करवाने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं जन स्वास्थ्य सहयोग के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘स्वास्थ्य एवं पोषण सम्मेलन’’ का आयोजन ग्राम पंचायत करपा पुष्पराजगढ़ में किया गया।
जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी के प्रशासनिक अधिकारी वी जी परमानंद ने बताया कि संस्था के द्वारा पुष्पराजगढ़ अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हेतु राज्य शासन के सहयोग से स्वास्थ्य सुविधाएँ, बच्चों के पोषण हेतु फुलवारी का संचालन एवं सिकल सेल के उपचार हेतु कार्य किया जा रहा है।
फुलवारी कार्यक्रम में 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को एक बेहतर पोषण देने की दिशा पर कार्य करता है। इस उम्र के बच्चों को फुलवारी में सुबह से शाम तक देखरेख की जाती है। पोषण के लिए बच्चों को फुलवारी में सत्तू, खिचड़ी, सोयातेल, गुड़, अण्डा, आयरन सिरफ दिया जाता है। इन बच्चों के साथ खेल खिलाना, स्वच्छता की समझ पर जागरूक करना जैसी कई गतिविधियां फुलवारी कार्यकर्ता द्वारा की जाती है। बच्चों को फुलवारी में छोड़ कर इन बच्चों के माता-पिता काम काज पर जा सकते हैं एवं बड़े भाई-बहन स्कूल जा सकते हैं।
बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर आशा कार्यकर्ता, ए.एन.एम. एवं डाॅक्टर द्वारा निरीक्षण किया जाता है ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल हो सके। अभी 75 गावों में फुलवारियां संचालित हैं जिसमें रोजाना 550 से ज्यादा बच्चों की देखरेख होती है। हमारी परंपरागत फसलें पोषण से भरपूर होती है एवं खेती की लागत को कम करती है, इसलिए हम खेती में परम्परागत पोषण आहार जैसे रागी(मडिया), कोदो, कुटकी, कंगनी आदि की खेती और बीज संरक्षण को प्रोत्साहित करते हैं। इसके अलावा मशरूम के पोषण संबंधी अनेक लाभ है, अतः 200 किसानों को मशरूम उगाने के लिए बीज एवं प्रशिक्षण दिया गया है। अब वो उसे उगा कर अपने भोजन में प्रयोग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम के तहत व्यवस्थित एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लेवर रूम की सुविधाओं की लगातार निगरानी की जाती है एवं जहां भी कमी दिखती है उसके लिए प्रशिक्षण एवं अभ्यास करवाया जाता है।
जन स्वास्थ्य सहयोग के डॉ राहुल सिंह ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया एक खून से संबंधित बीमारी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी अनुवांशिक रूप से संचारित होती है। इसका स्थायी इलाज तो नहीं है पर इसको नियंत्रण करके रोगी को आराम दिलाया जा सकता है। यह बीमारी प्रायः मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक तथा इन राज्यों के पड़ोसी इलाकों में पायी जाती है।
इस बीमारी के लक्षण 6 माह की उम्र से ही दिखने लगते हैं। शरीर में असहनीय दर्द, थकान आना, हाथ पैर में सूजन आना, शरीर का अकड़ना, बार-बार संक्रमण की संभावना, त्वचा का पीला पड़ना, आंखों का सफेद पड़ना, उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक विकास की गति कम होना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं।
इस दिशा में जन स्वास्थ्य सहयोग संस्था पूरे अनूपपुर जिले के सभी ब्लाकों के गांव-गांव में जाकर सभी गर्भवती महिला, स्कूल के बच्चों की जांच करके रोगियों की पहचान एवं रोकथाम की दिशा में कार्य कर रही है। पिछले 16 माह में अनूपपुर जिले में कुल 750 सिकल रोगियों की पहचान हुई है जिनका इलाज भी शुरु करवा दिया गया है। हम करपा एवं टिटही-जैतहरी सेक्टर के सभी गावों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करने के लिए प्रशासकीय स्वास्थ्य तंत्र को टेªनिंग और सहयोग प्रदान करते हैं। हम अभी 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 14 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी द्वारा प्रशिक्षित ए.एन.एम. मेंटर्स, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन एवं डाॅक्टर के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सहयोग कर रहे हैं। सभी 90 आशाओं का प्रशिक्षण हर महीने किया जाता है। स्वास्थ्य की दिशा में समय-समय पर आशा, आंगनबाड़ी एवं ए.एन.एम. के साथ समुदाय में जन जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
इस दौरान मंत्री श्री मरकाम द्वारा प्राथमिक शाला भवन बरन टोला में बाउंड्रीवॉल निर्माण एवं आरसीसी पुलिया निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया। कार्यक्रम में ज़िला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, जनपद उपाध्यक्ष पुष्पराजगढ़ संतोष पांडे समेत बड़ी संख्या स्थानीय जन प्रतिनिधि विभागीय अधिकारी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में आम जन उपस्थित थे।