7 सितम्बर को अनूपपुर में सीएम शिवराज 302 करोड़ से अधिक लागत के विकास कार्यों का करेंगे भूमिपूजन एवं लोकार्पण

अनूपपुर, मो.अनीश तिगाला। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सोमवार 7 सितम्बर को अनूपपुर आगमन होगा। अनूपपुर के अल्पप्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा 302.17 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया जाएगा। सीएम शिवराज ज़िले की स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सशक्त करने हेतु ज़िला चिकित्सालय भवन में 17.29 करोड़ लागत से 200 बेड क्षमता के निर्माण कार्य का भूमिपूजन करेंगे। अनूपपुर शहर में 12.01 करोड़ की लागत से रेल्वे ओवर ब्रिज कार्य का शुभारम्भ एवं 1.09 करोड़ की लागत से एकलव्य विद्यालय में आधुनिक सुविधायुक्त ऑडिटोरीयम निर्माण कार्य का भूमिपूजन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।

इसके साथ ही सीएम द्वारा 15 ग्रामों में 16.79 करोड़ की लागत से बनने वाली आवर्धन नल जल योजना की सौग़ात दी जाएगी। उक्त नल जल योजना से बीड़, बकही, धिरौल, चोलना, पड़रिया, फ़ुनगा, पटनाकला, दैखल, कुशियरा, कदमटोला, छिल्पा, बेंदी, पसला, बदरा, पडौर के ग्रामीण जनो को घरों में नल सुविधा के माध्यम से शुद्ध जल की प्राप्ति होगी। सिंचाई सुविधा में विस्तार हेतु धनपुरी एवं चोलना में 20 करोड़ 59 लाख लागत की सिंचाई परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी। इसके अतिरिक्त ग्राम कुकरगोड़ा एवं हर्री में ग़ौशाला भवन, सोनमौहरी में नर्सरी निर्माण के कार्यों के साथ-साथ 48 करोड़ 39 लाख लागत से एमआरएल05-एनएच 43 से बम्हनी तथा जैतहरी-महुदा-परासी-जमुना सड़क निर्माण कार्य की सौग़ात अनूपपुर को प्राप्त होगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।