अशोकनगर, हितेन्द्र बुधौलिया। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर (Ashoknagar) जिले में 3 दिन पहले जिस जिला अस्पताल की व्यवस्थाओ को सुधारने के लिये सरकारी अधिकारी मीटिंग में माथापच्ची कर रहे थे उसी अस्पताल से जुड़े लोग है कि सुधरने तैयार ही नही है। जिला चिकित्सालय से प्रतिदिन कुछ ना कुछ विवाद सामने आ ही रहा है शुक्रवार को यहां एक नवजात बच्ची के बदलने की घटना सामने आई है।
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एसएनसीयू बार्ड में तैनात कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही के कारण बच्ची बदल गई है। घटना के 20 घंटे बाद भी अस्पताल प्रबंधन बदली हुई बच्ची को नहीं ढूंढ पाया ।इस कारण एक मां अपनी नवजात को जन्म के बाद से ही देख नहीं पाई जबकि एक नवजात अस्पताल में जन्म के बाद मां का इंतजार कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर में ईसागढ़ क्षेत्र की जनौदा गांव की नीलम केवट नाम की महिला का प्रसव हुआ था। जिसने एक बच्ची जन्म दिया था ।इसी दौरान नीलम नाम की एक महिला चंदेरी क्षेत्र की थी, उसके भी एक बच्ची का जन्म हुआ था। दोनों ही नवजात बच्चियों को एसएनसीयू वार्ड में रखा गया था मगर यहां के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जनोदा गांव की नीलम की बच्ची को चंदेरी की नीलम को दे दिया गया। और 20 घंटे बाद उस बच्ची का अस्पताल पता नहीं लगा पाया।
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बच्ची के बदल जाने के 6 घण्टे बाद तो अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की एव हरकत में आया। अब तक किसी तरह की सफलता न मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची के बदले जाने की सूचना पुलिस को दे दी है
बताया गया है नीलम पत्नि विक्रम केवट नामक प्रसूता को शुक्रवार सुबह चार बजे उसके पति व अन्य परिजन ईसागढ़ के नजदीक जनोदा गांव से जिला चिकित्सालय लाए थे। यहां के प्रसूति वार्ड में 11 बजकर 53 मिनट पर प्रसूता ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जिसे एसएनसीयू वार्ड में एक घंटे तक भर्ती कर दिया गया।
नवजात के पिता विक्रम केवट ने बताया कि एक घंटे बाद जब उनकी मां अपनी पोती को लेने पहुंची तो एसएनसीयू में मौजूद स्टाफ नर्सों ने बताया कि आपकी बच्ची को यहां से जा चुकी है। इसके बाद वापिस प्रसूता के पलंग पर पहुंचने के बाद पता चला कि बच्ची को कोई नहीं लाया। घबराए परिजन फिर से एसएनसीयू वार्ड में पहुंचे तो स्टाफ ने कहा कि आपकी बच्ची को नीलम नामकी कोई महिला ले गई है, जिसकी हम खोज कर रहे हैं औरएक घण्टे बाद फिर से आने के लिए कहा।
इस दौरान नवजात के परिजनों ने अस्पताल के कोने-कोने में बच्ची को ढूंढ़ा लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। रात करीब आठ बजे अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की और वार्ड में ड्यूटी डॉक्टर (Doctor) एमसी दुबे ने बताया कि चन्देरी क्षेत्र की एक नीलम आदिवासी नामक महिला को भी प्रसवोपरांत बेटी हुई थी, स्टाफ ने नाम की गफलत से इसकी बेटी उसे सौंप दी।
अब प्रबंधन द्वारा बच्ची को वापिस लाने के लिए चन्देरी क्षेत्र में एम्बुलेंस (Ambulence) को भेजा गया है। मगर चंदेरी क्षेत्र की नीलम नाम की महिला का कोई अता पता अस्पताल प्रबंधन को है ही नहीं। ना ही उसका फोन नंबर (Phone Number) है। अब यह पता नहीं लगा पा रहा है अस्पताल (Hospital) प्रबंधन यह छोटी बच्ची को लेकर वह लोग कहां चले गए।, वहीं जिला चिकित्सालय के प्रसूति वार्ड में नीलम केवट बीते 20 घंटे से अपनी बेटी की पहली झलक देखने परेशान हो रही है।