इस मार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन का सीआरएस राय ने किया निरीक्षण, जल्द यात्री ट्रेन का इंतजार होगा खत्म

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे

गोंदिया से जबलपुर बहुप्रतिक्षित मार्ग का क्षेत्र के लोगों को वर्षो से इंतजार है। हालांकि गोंदिया से बालाघाट और नैनपुर से जबलपुर के बीच यात्री ट्रेन का प्रारंभ हो चुका है, अब बस इंतजार है कि नैनपुर से बालाघाट के बीच यात्री ट्रेन प्रारंभ होने का। जिससे यह पूरा मार्ग दक्षिणी की रेल यात्रा को न केवल सुगम बनायेगा अपितु दूरियों को लेकर भी सुविधाजनक होगा।

तेजी से चल रहा काम

जिस प्रकार से रेल विभाग द्वारा इस पर तेजी से काम किया जा रहा है, उससे लगने लगा है कि साल के अंत तक इस मार्ग पर यात्री ट्रेन का आवागमन प्रारंभ हो जायेगा। रविवार को लामता से नैनपुर के बीच रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का साउंड इंस्टर्न सर्किल, कोलकत्ता के सीआरएस एके राय ने निरीक्षण किया। इस दौरान डीआरएम शोभना बंदोपाध्याय सहित रेलवे का तकनीकि अधिकारी का अमला और विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

रविवार को हुआ रेल लाइन का निरीक्षण

बताया जा रहा है 23 अगस्त को सुबह लगभग 8.30 बजे लामता से नैनपुर के विद्युत रेल लाइन के निरीक्षण के लिए सीआरएस राय और डीआरएम शोभना बंदोपाध्याय के साथ पूरा विभागीय अमला समनापुर स्पेशल सलून से पहुंचे। जहां से वो सड़क मार्ग होते हुए वाहन से लामता पहुंचे। जिसके बाद लामटा से नैनपुर रेल इलेक्ट्रिक रेल लॉईन का सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया गया। सीआरएस टीम में सीआरएस प्रमुख एके राय, नागपुर मंडल डीआरएम शोभना बंदोपाध्याय मौजुद थी।

कभी भी मिल सकती है अनुमति

लामटा से नैनपुर तक रेल इलेक्ट्रिफिकेशन का निरीक्षण सीआरएस टीम द्वारा डीजल इंजन से किया, जो रेल मार्ग पर लगभग 90 किमी की गति से दौड़ा। हालांकि इस दौरान निरीक्षण को लेकर किसी भी अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि सीआरएस की रिपोर्ट मिलने के बाद रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड को भेजा जायेगा। जिसके बाद कभी भी रेल विभाग इस मार्ग पर यात्री ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान कर सकता है।

कोरोना से हुई रेल सेवा प्रभावित

वर्तमान में कोरोना संकट का दौर चल रहा है, जिससे रेल सेवा भी प्रभावित हुई है। हालांकि कुछ स्पेशल यात्री ट्रेन प्रारंभ है पर अधिकांश सवारी गाड़ी चालु होने में अभी और वक्त लगेगा। इस हिसाब से माना जायें तो जब पूरे भारत मे रेल विभाग रेल यातायात चालु करेगा, तब ही लामटा से नैनपुर और लामटा से समनापुर रेल पथ चालु हो पायेगा। जिसके साथ ही गोंदिया से जबलपुर बहुप्रतिक्षित ब्राडगेज का इंतजार भी पूरा हो जायेगा।

लामता में सुविधायें दिलाने डीआरएम से की गई चर्चा

डीआरएम शोभना बंदोपाध्याय से लामता में नागरिकों और पत्रकारों ने मुलाकात कर लामता स्टेशन में व्याप्त समस्याओं के निराकरण और रेलवे सुविधाओं को लेकर पत्र सौंपा एवं चर्चा की। जिसमें रेल्वे ट्रेक के पास एलसी कलर 62 से रेल्वे स्टेशन के पास नाले तक नाली निर्माण कराने, चूंकि इससे बारिश में वार्ड नंबर 8 एवं 9 में घरो और रोड में पानी का जलभराव हो जाता है, लामटा स्टेशन में यात्री प्रतीक्षालय, प्रथम श्रेणी प्रतीक्षालय, आरक्षण केंद्र, रेल मंत्रालय द्वारा सवारी गाड़ी शुरू होने पर लामटा से सवारी गाड़िया शुरू करने की मांग की गई। प्रतिउत्तर में डीआरएम शोभना बंदोपाध्याय ने कहा कि सीआरएस की रिपोर्ट के बाद रेल मंत्रालय द्वारा निर्देश पर आगे कि कार्रवाई की जायेगी। लामता स्टेशन में  सुविधाएं बुकिंग अनुसार बढ़ाई जायेगी।

एफओबी सीढ़ीनुमा ना बनाकर रैंप पुल बनाने की मांग

23 अगस्त को लामता से नैनपुर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का निरीक्षण करने सीआरएस के साथ पहुंची डीआरएम शोभना बंदोपाध्याय से वरिष्ट भाजपा सदस्य एवं जेडआरयूसीसी मेंबर शैलेन्द्र सेठी ने पत्र के माध्यम से लामता, मगरदर्रा, समनापुर एवं नागरवाड़ा स्टेशन में एफओबी पैदल पुल को सीढ़ीनुमा न बनाते हुए रैंप पुल बनाने की मांग की है । ताकि बुजुर्ग,वृद्ध, दिव्यांगजनों एवं आम यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म आसानी से आ जा सके एवं इस पुल का उपयोग हो सके। साथ ही लामता स्टेशन जो को 2 मंजिल पर स्थित स्टेशन पर आने जाने के लिए वृद्ध, बुजुर्गो एवं दिव्यांगजनों के लिए लिफ्ट लगाने की मांग रखी। उन्होंने रेलवे के आलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से यात्रियो की सुविधा के लिए अन्य मांगो के साथ एक पत्र भी प्रेषित किया है, ताकि जनता को रेलवे की इन बहुप्रतीक्षित रेल सुविधा की मांग के साथ यात्रियो को उत्तम सुविधा भी मिल सके।

सीआरएस के लामता से नैनपुर तक रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के निरीक्षण के दौरान विद्युत चीफ इंजिनियर व्हीके बाकड़े, आरएम सोनकर, रसिक सिंग, महावीर जैन, व्हीके त्रिपाठी, उदयभान सिंह, दिनानाथ गुप्ता, मृत्युंजय मोहन सहित अन्य विभागीय अमला मौजूद था।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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