बैतूल, वाजिद खान। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) में प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल (Governor Mangu Bhai Patel) ने आदिवासी के घर उनके परम्परागत भोजन का स्वाद चखा और उसकी सराहना की । दरअसल देश के पहले सोलर विलेज (Solar Village) के नाम से जाने वाले बैतूल के गांव बांचा (Bancha) पहुंचे। राज्यपाल मंगू भाई पटेल का आदिवासी समाज के लोगों ने परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया।
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स्कूल परिसर में किया पौधारोपण
इसके पश्चात राज्यपाल ने स्कूल के बच्चों से बात की और उन्हें चॉकलेट बांटी और स्कूल परिसर में वृक्षारोपण किया। स्कूल में ही आजीविका मिशन की महिलाओं के द्वारा बनाई गई सामग्री का अवलोकन किया और समूह की महिलाओं से बात की । कार्यक्रम में हितग्राहियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। इसके पश्चात उन्होंने बांचा गांव के आदिवासी युवक अनिल उइके के निवास पर भोजन भी किया । राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सोलर विलेज बाँचा की सराहना की और कहा कि मैं कुदरत की गोदी में आ गया ।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने भाषण में कहा कि पहले ग्रामीणों के लिए पैसा तो आता था लेकिन बीच में ही गड़बड़ हो जाती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि अब हर हितग्राही के बैंक खाते में सीधे राशि जमा हो रही है। कोरोना महामारी से सबक लेकर अधिक से अधिक पौधारोपण करने की सीख देते हुए राज्यपाल ने कहा कि गांव, सड़क किनारे पौधे लगाए और उन्हें पालने का संकल्प लें ताकि वे वृक्ष बनकर आने वाली पीढ़ी को प्राणवायु दे सकें।
आदिवासियों के परंपरागत भोजन का चखा स्वाद
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने आदिवासी युवक अनिल उनके निवास पर भोजन किया उन्हें आदिवासियों के परंपरागत भोजन परोसा गया। जिसमें कुटकी की खीर, तुवर की घुंघरी, मक्के की रोटी, दाल-चावल और गिलकी की शामिल थी । भोजन करने के बाद उन्होंने इस स्वादिष्ट भोजन की सराहना की कार्यक्रम के समापन अवसर पर बुजुर्गों का शाल से सम्मान किया गया और स्कूली बच्चों को बैग वितरित किए गए ।