समाज के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों पर की गई एफआईआर पर खात्मा रिपोर्ट लगाई जाए, सरकार पत्रकारों के साथ – डॉ रमेश दुबे

Amit Sengar
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भिंड,सचिन शर्मा। भिण्ड (bhind) जिले के दवोह थाना क्षेत्र के एक गांव में एम्बुलेंस न पहुंचने की खबर को लेकर जिले के पत्रकारों ने प्रमुखता से अपने अपने चैनल व अखबारों में प्रकाशित किया था, जिस पर प्रशासन द्वारा पत्रकारों पर झूठी खबर दिखाने प्रसारित करने एवं धोखाधड़ी करने की धाराओं में दमोह थाने में मामला दर्ज कराया था जिससे जिले के पत्रकार संगठनों में भारी रोष व्याप्त है।

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उक्त घटना को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, डॉ दुबे ने जारी अपने बयान में कहा कि मध्यप्रदेश की जनहितैषी सरकार सदैव से समाज के चौथे स्तम्भ को सम्मान की दृष्टि से देखती हैं एवं जनहित के मुद्दों को प्रकाश में लाने के उनके जज्बे को सलाम करती है, भिण्ड में दवोह थाना क्षेत्र में बीमार मरीज को ठेले पर ले जाने की ख़बर को अगर पत्रकारों ने शासन प्रशासन की नजर में लाया तो क्या गलत किया, ये कोई अपराध की श्रेणी में तो आता नहीं है और नाहीं इस खबर से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती।

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डॉ दुबे ने कहा कि सरकार की जनहितैषी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है और किसी के गैर जिम्मेदाराना कृत्य को दबाकर पत्रकारों को झूठा साबित करना घोर अनुचित है, अगर इस खबर में प्रशासन को असत्यता लगी तो नोटिस देकर भी बात रखी जा सकती थी। डॉ दुबे ने कहा कि बिना निष्पक्ष जांच एवं बिना नोटिस दिए पत्रकार बन्धुओं पर मामला दर्ज करवाने की ये कार्यवाही चिंता का विषय है, पत्रकार भारतीय लोकतंत्र में चौथे स्तम्भ के रूप में विद्यमान एवं सम्मानित हैं,उनका सम्मान रखने की बजाय उन पर मुकद्दमा दर्ज करना उचित प्रतीत नही होता। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पत्रकारों के हितों, अधिकारों एवं उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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डॉ दुबे ने कहा कि उक्त मामले में पत्रकारों पर लगाये मुकद्दमों पर प्रशासन तुरंत खात्मा रिपोर्ट लगाए एवं जिन अधिकारियों ने खुद की लापरवाही उजागर होने के भय से पीड़ितों को डरा धमकाकर पत्रकारों को गलत साबित करने का दुष्कर प्रयास किया उस विषय पर गम्भीरता से जांच होना चाहिए।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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