भिंड| मध्य प्रदेश के भिंड में स्कूली बच्चों के लिए आए दूध में हुए घोटाले मामले में कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है| वहीं चार के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर को भेजा है| इसके अलावा जिला पंचायत के मध्याह्न भोजन के परियोजना अधिकारी नितिन दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बांटे जाने वाले दूध में हेराफेरी का यह मामला तब सामने आया था जब अटेर एसडीएम अभिषेक चौरसिया ने 9 अक्टूबर को जनपद पंचायत कार्यालय में मिल्क पावडर के 500 पैकेट जब्त किए थे। इसके बाद 36 बोरी मिल्क पावडर वाहन में भरकर अन्य स्थान पर ले जाने के समय एसडीएम चौरसिया ने पकड़ लिया और वाहन को जब्त कर अटेर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इस मामले में अटेर एसडीएम अभिषेक चौरसिया ने जांच की। जांच में करीब 27 लाख 45 हजार 775 रुपए का घोटाला सामने आया।
इस मामले में कलेक्टर छोटे सिंह ने प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए दो विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक (बीएसी) ओ पी नरवरिया और एन पी शर्मा को निलंबित कर दिया। वहीं, जनपद पंचायत अटेर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) राजकुमार शर्मा, ओपी कौरव एवं ब्लाॅंक विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) महावीर सिंह तोमर के खिलाफ चंबल संभाग के आयुक्त को प्रस्ताव भेजा। इसके अलावा जिला पंचायत के मध्याह्न भोजन के परियोजना अधिकारी नितिन दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।