भिंड, डेस्क रिपोर्ट। रिश्वतखोर(Bribe) भ्रष्ट अधिकारियों – कर्मचारियों के खिलाफ प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियां लगातार एक्शन ले रही हैं बावजूद इसके सरकारी कर्मचारी अधिकारी रिश्वत लेने से खौफ नहीं खा रहे। आज गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर (gwalior lokayukta police action) की टीम ने कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एक क्लर्क को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
लोकायुक्त ग्वालियर टीम के अधिकारियों के मुताबिक ग्वालियर कार्यालय में 18 जुलाई को भिंड जिले के निवासी यदुनाथ सिंह तोमर नामक व्यक्ति ने शिकायती आवेदन दिया था। जिसमें उसने बताया था कि वो अपने गांव में एक मॉडल स्कूल खोलना चाहता है जिसकी मान्यता के लिए वो जिला शिक्षा अधिकारी भिंड के कार्यालय में क्लर्क रामेन्द्र सिंह कुशवाह से मिले थे।
क्लर्क रामेन्द्र सिंह ने इसके लिए उससे 12 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम (gwalior lokayukta police) ने यदुनाथ सिंह तोमर को समझाइश देकर एक वॉइस रिकॉर्डर दिया। जिसमें यदुनाथ ने रामेन्द्र से 5 हजार रुपये की पहली किश्त देने का बातचीत रिकॉर्ड कर ली और लोकायुक्त को सौंप दी।
आज तय समय पर यदुनाथ सिंह तोमर ने क्लर्क रामेन्द्र सिंह को रिश्वत की पहली किश्त 5 हजार रुपये उसे दिए, पहले से तैयार लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जब लोकायुक्त ने रिश्वत लेने वाले क्लर्क रामेन्द्र सिंह के हाथ धुलवाए तो वे गुलाबी हो गए। लोकायुक्त ने क्लर्क रामेन्द्र सिंह कुशवाह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....