भोपाल। स्कूली वाहनों के लिए नई पॉलिसी तैयार हो रही है, जिसमें स्कूल प्रबंधन, पालक और चालकों की जिम्मेदारी तय होगी। साथ ही बच्चों के आवागमन से बिना सुरक्षा मानकों के ऑटों को बाहर किया जाएगा। राज्य शासन की ओर से हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में यह जवाब पेश किया है। कोर्ट ने टिप्पीण करते हुए कहा कि हम अपने बच्चों को स्कूल के लिए ऑटो में भेजना नहीं चाहेंगे। क्योंकि तीन पहिए होने की वजह से इनमें परिवहन सुरक्षित नहीं है। इसलिए नई पॉलिसी में स्कूली ऑटो से बच्चों के परिवहन को बंद क्यों नहीं कर दिया जाता। इ
कोर्ट ने शासन से पूछा है कि ऑटो को स्कूल के परिवहन में प्रतिबंधित क्यों नहीं किया जा रहा है। शासन ने जवाब पेश किया था कि शासन नया कानून बनाने जा रहा है। इसमें स्कूल, पालक व वाहन चालक की जिम्मेदार तय की जा रही है। परमिट की शर्तों में बदलाव किया जा रहा है। कोर्ट ने शनिवार को ऑटो में बच्चों की सुरक्षा के प्रावधान की स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं।
नई पॉलिसी में यह किए जा रहे प्रावधान
– समस्त शैक्षणिक वाहनों में एक मोबाइल एप्लीकेशन वाहन ट्रेकिंग प्रणाली (वीटीएस) का निर्माण किया जाएगा। जिसके माध्यम से अभिभावक वाहन को ट्रैक कर सकेंगे।
– वाहन के अंदर हेल्पलाइन नंबर के साथ-साथ स्कूल के ट्रांसपोर्ट मैनेजर का नंबर लिखना होगा।
– फिटनेस करने वाले का नाम वाहन में अंकित करना होगा। हर छह महीने में फिटनेस होगी। वाहन ट्रेकिंग प्रणाली, पेनिक बटन, कैमरे का रखरखाव समय-सीमा होना चाहिए।
– स्कूल वाहन की स्पीड 40 किमी प्रतिघंटा से अधिक नहीं होना चाहिए। वाहन में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए।
वाहन चालकों को इन नियमों का करना होगा पालन
– चालक के पास व्यवसायिक वाहन चलाने का लाइसेंस पांच साल से अधिक पुराना होना चाहिए।
– चालक को तेज गति में वाहन चलाते व शराब के नशे में पकड़ा जाता है तो उसे कार्य पर नहीं रखा जाएगा।
– चालक की उम्र 21 से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए।
– नीली टीशर्ट या कोर्ट जिस पर दो जेबें लगी हों के साथ काली पतलून पहननी होगी।
– परिचालन के वक्त स्टाफ कैसा व्यवहार कर रहा है, उसका परीक्षण होना चाहिए।
शैक्षणिक संस्थाओं की जिम्मेदारी
– बस, ऑटो, वैन से स्कूल संचालक को अनुबंध करना होगा, जिसमें छात्रों के सुरक्षित परिवहन की शर्तों के पालन का अनुबंध होगा।
– शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद 15 दिन के भीतर वाहन की पूरी जानकारी पुलिस, परिवहन विभाग व शिक्षा विभाग में पेश करनी होगी।
– सभी वाहनों में एक रजिस्टर रखना होगा, जिसमें छात्र की पूरी जानकारी रहेगी। इसमें ब्लड ग्रुप की भी जानकारी देनी होगी।
– वाहन के अंदर बीमा, फिटनेस व पीयूसी के दस्तावेज साथ रखने होंगे।