वाकई एमपी गजब है और यहां पर अधिकारी जो कर जाए वो कम है। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के राजभवन (rajbhawan) में 25 मई को कोरोना पॉजिटिव (corona positive) मरीज पाया गया और उसके बाद मानो एक के बाद एक कर पॉजिटिव मरीजों की झड़ी लग गई। 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज होने के बाद राजभवन (rajbhawan) को 27 मई को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया गया। लेकिन इन सबके बीच भी प्रशासन ने सहूलियत के लिये एक व्यवस्था दी जो अजीब थी। राज्यपाल (governor) के निवास और उनके कार्यालय को इनर जोन (inner zone) घोषित किया गया जो शब्द पहली बार कोरोना प्रोटोकॉल में सुनाई दिया था।
कंटेनमेंट एरिया (containment area) के प्रोटोकॉल के हिसाब से जो भी क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया घोषित किया जाता है वह 21 दिन तक प्रतिबंधित रहता है और उसके बाद जब वहां कोई पॉजिटिव मरीज नहीं पाया जाता तब वह मुक्त किया जाता है। लेकिन यह क्या, 1 जून को ही राजभवन को कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया ।राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे (manohar dubey) ने बताया कि यहां कोविड-19 से संक्रमित सभी 10 व्यक्ति चिकित्सालयों में उपचार पा रहे हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट क्षेत्र के अन्य सभी 10 परिवारों को क्वारेंटाइन क्षेत्र (quarantine) में स्थानांतरित कर दिया गया है। इतना ही नहीं मनोहर दुबे ने यह भी बताया कि राजभवन परिसर के 395 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच की गई है और 10 के अलावा सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है इसीलिए यह अब कंटेनमेंट क्षेत्र नहीं रहा। हालांकि सावधानियां पूरी बरती जाएंगी, जैसे कि राज्यपाल निवास में बिना अनुमति के किसी का प्रवेश नहीं होगा, थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) की व्यवस्था रहेगी, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) का ख्याल रखा जाएगा और जो भी आएगा उससे सर्दी जुखाम बुखार के लक्षण नहीं होने का घोषणा पत्र भी लिया जाएगा।
अब सवाल यह है कि क्या यह व्यवस्था कोरोना प्रोटोकॉल के अनुकूल है और ऐसी क्या जल्दी कि राजभवन (rajbhawan) को कंटेनमेंट क्षेत्र मुक्त घोषित कर आप राज्यपाल जैसे वीवीआईपी (vvip) पद पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा पर ही खतरा खड़ा कर रहे हैं।
क्या होता है कंटेनमेंट एरिया
जिस इलाके मे कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाते हैं उसके एक किलोमीटर तक का एरिया कंटेनमेंट जोन (containment area) बना दिया जाता है और वहां रहने वाले हर व्यक्ति का आवागमन प्रतिबंधित करने के साथ किसी को भी उस क्षेत्र में नहीं जाने दिया जाता है। इसके पीछे यह माना जाता है यदि किसी व्यक्ति में कोरोना (corona) के लक्षण नहीं भी हो तो यह पता नहीं चल सकता उसका इक्यूबेशन पीरियड (icubation period) कम से कम 8 दिन का होता है। व्यक्ति को कोरोना होगा या नहीं इसलिए सरकार ने पहले कंटेनमेंट एरिया की अवधि 28 दिन की थी कि तब तक हर व्यक्ति वहां कोरोना निगेटिव हो जाए जिसे बाद में 21 दिन कर दिया गया।