बाबरी मस्जिद विध्वंस: 28 साल बाद फैसला 30 सितंबर को, आडवाणी, उमा समेत सभी आरोपी रहेंगे मौजूद

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस केस (Babri masjid demolition case) में 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी। इसके लिए सीबीआई कोर्ट ने आदेश जारी कर सभी आरोपियों को फैसले के दिन कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है। कोर्ट की तरफ से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह समेत अन्य आरोपियों को नोटिस भेजा गया है। मामले में सीबीआई ने कुल 49 लोगों को अभियुक्त बनाया था लेकिन इतने सालों के दौरान 17 लोगों की मौत हो गई है।

विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी पक्षों की दलील, गवाही व जिरह सुनने के बाद 1 सितंबर को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और दो सितंबर से फैसला लिखना शुरू हो गया था। इससे पहले वरिष्ठ वकील मृदल राकेश, आईबी सिंह और महिपाल अहलूवालिया ने आरोपियों की तरफ से दलीलें पेश की। इसके बाद सीबीआई के वकीलों ललित सिंह, आरके यादव और पी. चक्रवर्ती ने भी अपनी दलीलें रखी थी। सीबीआई ने इस मामले में कुल 351 गवाह और 600 दस्तावेजी सबूत अदालत में पेश किए हैं।

बता दें कि दिसंबर 1992 में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। उनका कहना था कि यह मस्जिद भगवान राम के ऐतिहासिक मंदिर पर। इस विवादित मामले में अब 28 साल बाद अदालत का फैसला आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 31 अगस्त तक इस मामले में फैसला आ जाना चाहिए, लेकिन विशेष अदालत के आग्रह पर एक महीने की मोहलत और दी गई। अब 30 सितंबर को सीबीआई विशेष अदालत के जज एसके यादव इस मामले में फ़ैसला सुनाएंगे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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