भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार तो बन गई है लेकिन क्षत्रपों के बीच चल रही रस्साकशी से सरकार पर संकट बना हुआ है। अपनों के ही समर्थन से बनी कांग्रेस की सरकार को अभी शक्ति परीक्षण पास करना है। 7 जनवरी को विधानसभा में कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट में बहुमत हासिल करना होगा। विधानसभा चुनाव में पार्टी को 114 सीटें मिली हैं। दो सीटों पर उसे सपा और बसपा से समर्थन मिला है। वहीं, कुछ निर्दलीय भी कांग्रेस के समर्थन में हैं। लेकिन बात तब बिगड़ी जब क्षत्रपों के खास विधायकों को मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन नाराज विधायकों से बीजेपी संपर्क में है। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि है लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सरकार गिरना तय है।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के टिकट वितरण से लेकर मंत्री मंडल बनने तक और विभागों के बंटवारे तक तमाम प्रकार के अंसोतष के सुर न केवल अंदर तक बल्की सड़कों तक दिखाई देने वाले हैं। और बार बार मैं आशंका जाहिर कर रहा हूं कि निश्चित तौर पर कांग्रेस की सरकार अपने पैर अपनी ही गर्दन में फंसा कर गिरने वाली है। गुटों गुटों में बंटी कंग्रेस एक दूसरे को नहीं सुहा रही है। इसिलए सरकार भी धड़ो धड़ों में बंटी है इसका जनता के सरोकार के साथ इसका कोई संबंध नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले क्या हो जाए इसलिए देखिए आगे आगे हो जाए क्या।
गौरतलब है कि प्रदेश में लगातार गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। शनिवार को ये नाराज विधायक राहुल गांधी से बी मिले। लेकिन वहां से इन्हें प्रदेश सरकार के साथ चलने के लिए कहा गया है। हालांकि, रविवार को भोपाल में एक बैठक होगी जिसमें नाराज विधायकों को मनाने के लिए सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह रूबरू होंगे। पार्टी ने उन्हें नाराजों को मनाने के लिए कहा है। क्योंकि अगर रूठे विधायक नहीं माने तो कांग्रेस के लिए शक्ति परीक्षण में परेशानी खड़ी हो सकती है।