भोपाल।
इस बार भोपाल का लोकसभा चुनाव देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। चारों तरफ बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा और कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की हार-जीत की चर्चा है। वही बयानों को लेकर भी सियासी पारा आसमान पर है। साध्वी प्रज्ञा लगातार दिग्विजय के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। हालांकि संघ की समझाइश के बाद उन्होंने बयानों पर तो रोक लगा दी है लेकिन अब पोस्टर वॉर शुरु कर दिया है। इन पोस्टर्स पर दिग्विजय सिंह को बिना नाम लिए बंटाढार और प्रज्ञा को भगवा संत करार दिया गया है, जो राजनैतिक गलियरों में फिर सुर्खिया बटोर रहे है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी-कांग्रेस के बीच पोस्टर-वीडियो वॉर जमकर चला था। अब लोकसभा में भी इसका असर दिखाई देने लगा है। इसकी शुरुआत बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने की है। प्रज्ञा के घर पर दिग्विजय सिंह को घेरने के लिए नए पोस्टर चस्पा किए गए हैं। इन पोस्टर्स पर दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना बंटाढार का अंत लिखा गया है। वहीं प्रज्ञा को भगवा संत करार दिया गया है।इससे एक बार फिर भगवा और हिन्दुत्व को लेकर सियासत गर्मा गई है। एक तरफ बीजेपी और संघ साध्वी प्रज्ञा के सहारे दिग्विजय को जनता के सामने हिन्दू विरोधी साबित करने में जुटे है वही कांग्रेस हिन्दुत्व की राह पर चलकर छवि इमेज को सुधारने में जुटी है। जहां संघ औऱ बीजेपी साध्वी को विवादित बयान देने की नसीहत दे रही है वही कांग्रेस साध्वी के खिलाफ उन्हीं बयानों को ढाल बनाकर जमकर घेराबंदी कर रही है।
बता दे कि प्रज्ञा ठाकुर जब से चुनाव प्रचार में उतरी हैं तब से वो लगातार आपत्तिजनक बयान दे रही हैं जिन पर लगातार विवाद उठ रहा है। उन्होंने सबसे पहले महाराष्ट्र ATS चीफ हेमंत करकरे की शहादत पर कहा था कि उन्हें मेरा श्राप लगा। उसके बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस पर विवादित बयान देने के काऱण उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। यहां तक कि इन बयानों के कारण चुनाव आयोग को भी उन्हें नोटिस जारी करना पड़ा। उसके बाद सीहोर में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने दिग्विजय सिंह का नाम ल���ए बिना उन्हें आतंकी कहा था। बाद में वो अपने बयान से पलट गयी थीं और अब उन्होंने पोस्टर वार शुरु कर राजनीति को नई दिशा में मोड़ दिया है।अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इसे कैसे लेती है और जवाब में क्या कहती है।