राष्ट्रीय स्तर पर MP की बड़ी उपलब्धि, सीएम शिवराज ने दी बधाई, कही बड़ी बात

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 (National Achievement Survey 2021) में MP ने उपब्धि हासिल करते हुए देश में पांचवा स्थान हासिल किया है।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने मध्य प्रदेश (MP News) की इस उपलब्धि पर ख़ुशी जताते हुए बधाई दी है।

कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल में आयोजित लर्निंग्स फ्रॉम नेशनल अचीवमेंट सर्वे कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021 (National Achievement Survey 2021) में यह तथ्य सामने आया है कि मध्य प्रदेश (MP News) ने अभिनव कार्य करते हुए देश में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे प्रति तीन वर्ष में होता है। इसके पहले वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश इस सर्वे में 17वें स्थान पर था। मध्य प्रदेश आगामी सर्वे में अव्वल आने के लिए प्रयासरत रहेगा। समाज के जुड़ जाने से हर क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलते हैं। स्कूलों से समाज को जोड़ने के लिए भी अभियान की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन और शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी हम गंभीर हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कराया जाने वाला राष्ट्रव्यापी शिक्षा सर्वे देश का सबसे बड़ा सर्वे है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर तक विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर का फीडबैक प्राप्त कर भविष्य के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। कक्षा 03, 05, 08 और 10 के लिए यह सर्वे सैंपल आधार पर कार्य हुआ, जिसमें गणित, विज्ञान, पर्यावरण, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और भाषा की शैक्षणिक उपलब्धियों के स्तर की जाँच की गई। सर्वे में केन्द्र सरकार के विद्यालयों सहित राज्य सरकार के विद्यालय, प्रायवेट विद्यालय और अनुदान प्राप्त विद्यालय शामिल होते हैं। मध्यप्रदेश की उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और शिक्षा विभाग की पूरी टीम को बधाई दी।

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सरकारी विद्यालय पीछे नहीं हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को तन्मयता से पढ़ाने वाले शिक्षक अच्छे परिणाम लाने में सहायक होते हैं। पारम्परिक ढंग से शिक्षा देने के कार्य से हटकर बच्चों को शिक्षण सामग्री रटवाने के स्थान पर समझाने वाले शिक्षक अपना कार्य आनंद के भाव के साथ करते हैं। इस तरह की शिक्षा ग्रहण करने पर विद्यार्थी कल का भारत बनाने में महत्वपूर्ण होते हैं। पढ़ाते हुए शिक्षक के मन में यदि यह लक्ष्य है कि उसे नई पीढ़ी को तैयार करना है, तो यह कार्य सार्थक हो जाता है। शिक्षक सिर्फ शिक्षक न होकर गुरू भी होता है, जो विद्यार्थी के जीवन को संवारने का कार्य करता है।

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शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा कि वे स्वयं शासकीय विद्यालय से पढ़कर निकले हैं। उनके शिक्षक रत्नचंद जैन एक आदर्श शिक्षक रहे हैं। सभी विद्यार्थी उनका हृदय से सम्मान करते थे। सरकारी विद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी किसी से पीछे नहीं होते। कोरोना काल में शिक्षा विभाग ने जिस तरह बच्चों को विभिन्न माध्यमों से शिक्षा देते हुए कुंठित होने से बचाया, इस तरह के नवाचार प्रशंसनीय हैं। इस नई शिक्षा संस्कृति के लिए शिक्षा विभाग बधाई का पात्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल चलें अभियान के स्वरूप में सुधार करते हुए अधिक उपयोगी बनाने के प्रयास होना चाहिए। अन्य राज्यों के श्रेष्ठ नवाचारों को अपनाने का भी प्रयास होना चाहिए। स्वस्थ स्पर्धा से कार्य हो ताकि विद्यार्थियों को लाभान्वित करने में हम पीछे न रहें। विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों एवं पूर्व विद्यार्थियों को भी वर्ष में एक या दो बार अपने पुराने विद्यालयों से जुड़ाव रखते हुए वहाँ का भ्रमण कर सुविधाओं के विकास में सहयोगी होना चाहिए।

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मेरा मन होता है बच्चों को पढ़ाने का

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यशाला के दौरान बच्चों में अनुशासन, परिश्रम, ईमानदारी के गुणों के विकास और अपने लिए ही नहीं सभी के लिए जीने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने को जरूरी बताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को और समाज की विभिन्न संस्थाओं को शिक्षा से जुड़कर बच्चों के व्यक्तित्व को आकार देने के प्रयास करना चाहिए। स्कूलों में हर महीने पालक-शिक्षक बैठक होना चाहिए। शिक्षक की भूमिका भी निभाने के लिए तैयार होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा भी माह में एक या दो बार स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाने का मन होता है। पूर्व में कक्षाओं में जाकर बच्चों से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें निरंतर संवाद की प्रक्रिया जारी है। रैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से श्रेष्ठ परफार्मेंस वाले शिक्षकों को पुरस्कृत और सम्मानित करने और एन.सी.सी. जैसे संगठनों के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास निरंतर होना चाहिए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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