भोपाल| लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद टिकट के लिए नेताओं ने अपनी दावेदारी तेज कर दी है| अलग-अलग सीटों पर टिकट के लिए मारा-मारी और आपसी मनमुटाव ने भाजपा को परेशान कर दिया है| बुंदेलखंड मे दावेदारों ने भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है, विरोध के स्वर भी फुट पड़े हैं| टीकमगढ़ के वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक का पूर्व विधायक आरडी प्रजापति ने विरोध किया है, साथ ही खुद की दावेदारी करते हुए दावा किया है कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया तो टीकमगढ़ से भाजपा का चुनाव हारना तय है। प्रजापति ने उनके समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग की है|
प्रजापति ने इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी है। प्रजापति ने बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने भी दावेदारी की। विधानसभा चुनाव में प्रजापति के स्थान पर उनके पुत्र राजेश प्रजापति को जतारा से भाजपा ने टिकट दिया था। राजेश वर्तमान में विधायक हैं। प्रजापति ने मीडिया से चर्चा में कहा कि टीकमगढ़ के वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक सागर के स्थानीय निवासी है और उन्हें बेवजह टीकमगढ़ से पिछली बार टिकट दिया गया। प्रजापति ने दावा किया कि खटीक की हालत टीकमगढ़ में खराब है, उन्होंने वहां दो पैसे का काम नहीं कराया। उन्हें टिकट देने पर पार्टी की हार निश्चित है। प्रजापति ने यह भी दावा किया कि मध्यप्रदेश से कभी भी उनके समाज को टिकट नहीं दिया गया है। ऐसे में यह समाज पार्टी से दूर जा सकता है।
शाह को लिखी चिट्ठी मे प्रजापति ने कहा है कि मुझे समाज के लोग समाज का नेता मानते हैं और विगत लोकसभा विधानसभा चुनाव मे प्रजापति समाज की भूमिका रही है| उन्होंने कहा कि अगर उन्हें टिकट दिया जाता है तो सम्पूर्ण प्रजापति समाज के अलावा अन्य समाज भी भाजपा के पक्ष में रहेगा, क्यूंकि 1996 में खजुराहों लोकसभा (टीकमगढ़) से में चुनाव लड़ चूका हूं| और 2003 में टीकमगढ़ लोकसभा की महाराजपुर विधानसभा से भी चुनाव लड़ चूका हूं, दुसरे स्थान पर रहा हूं| जिससे वर्तमान में टीकमगढ़ लोकसभा में उनकी लोकप्रियता है|