खंडवा।
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सहायक जिला आबकारी अधिकारी मुकेश रणदा और उनकी पत्नी प्रिया रावत व आबकारी उपनिरीक्षक दीपक रोकड़े को हटाने की मांग की है और उनपर विपक्षी दलों के पक्ष में रहकर काम करने के आरोप लगाए है। इधर, सहायक जिला आबकारी अधिकारी मुकेश रणदा ने उल्टा भाजपा विधायक पर गंभीर आरोप लगाए है। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव में विधायक ने 1 हज़ार दारू की पेटी की मांग रखी थी और इसी तरह की लोकसभा चुनाव में भी रखी गई थी, जिसे मैने पूरा नही किया तो मुझ पर ही आरोप लगाने लगे और अब हटाने की मांग की है।
इस मामले में आयोग को लिखे पत्र में विधायक ने रणदा पर आरोप लगाया है कि वह राज्य शासन और चुनाव आयोग के निर्देशों के विपरीत राजनैतिक गतिविधियों में संलिप्त होकर विपक्षी दलों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। रणदा अजाक्स संगठन के पदाधिकारी होने एवं पति-पत्नी एक ही जगह 7-8 साल से पदस्थ होकर शासन के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। पूर्व में भी इन अधिकारियों के विरुद्ध चुनाव आयोग को अवगत कराया था। तबादला न होने से इनकी राजनैतिक संलिप्तता बढ़ गई है। वही उन्होंने आरोप लगाया है कि रणदा जिले में अवैध शराब बिकवा रहे हैं। बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रहे हैं। हमने किसी से अब तक डिमांड नहीं की ना ही मैंने किसी कार्यकर्ता को कभी उनके पास भेजा। आबकारी अधिकारी रणदा मुझ पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
इधर, आबकारी अधिकारी का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2018 में विधायक देवेंद्र वर्मा ने मुझसे एक हजार दारु की पेटी की मांग की थी पर मैने डिमांड पूरी नहीं की। लोकसभा चुनाव में भी उन्हें मुझसे कुछ इसी तरह की उम्मीद थी। जिसे पूरी नहीं कर सकता। तब से वह मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। विधानसभा में मेरे पास उनके कितनी बार फोन आए, सब रिकार्ड है। उन्होंने मेरे घर तक किस प्रतिनिधि को भेजा यह भी रिकार्ड है। मुझे हटाने की शिकायत मिली। जिसका जवाब मैंने वरिष्ठ अफसरों को लिखित में दिया है। अजाक्स के लिए काम कर रहे हैं। मुझसे तो किसी को शिकायत नहीं है।