भोपाल।
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानि CAG ने शिवराज सरकार के दौरान हुए खर्चे को लेकर सवाल उठाए है।कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि शिव ‘राज’ में प्रदेश में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में वित्त विभाग ने बेहिसाब खर्च किया है। शिवराज सरकार में वाणिज्यिक कर, उत्पाद शुल्क, वाहन कर, स्टॉम्प पंजीकरण शुल्क, खनन, जल कर का घोटाला किया गया, जिसकी वजह से प्रदेश के सरकारी ख़ज़ाने को 6270.37 करोड़ का नुकसान हुआ।बताते चले कि यह रिपोर्ट उस वक्त सामने आई है जब कुछ ही महिनों में लोकसभा चुनाव होने है, ऐसे में यह रिपोर्ट चुनाव और मप्र पर बड़ा असर डाल सकती है।
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि शिवराज सरकार के दौरान प्रदेश की पेंच परियोजना में करीब 376 करोड़ की अनियमितता की गयी। इसी तरह सार्वजनिक उपक्रमों से 1224 करोड़ का नुकसान हुआ। कैग की रिपोर्ट में जनजाति के लिए विद्यालय, छात्रावास के संचालन में 147.44 करोड़ की अनियमितता उजागर की गयी है।रिपोर्ट के अनुसार सरकार निगम-मंडलों में निवेश करती रही लेकिन नुकसान बढ़ता रहा। 2012 से 2017 के दौरान राज्य के निगम-मंडल लगातार घाटे में रहे। इसमें सरकार को 4 हजार 857 करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं 2017 में एक हजार 224 करोड़ का नुकसान हुआ था।
CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि निगम-मंडलों पर सरकार इनवेस्ट करती रही लेकिन रिटर्न नहीं मिल पाया। सरकारी विदेश दौरों के खर्च को नहीं दर्शाया गया। विदेशी दौरा में 8.96 करोड़ इन्वेस्टमेंट ड्राइव के मद से का खर्च हुआ। वहीं, सरकार ने बजटीय जांच से 8.96 करोड़ का खर्च बचा लिया।