भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) के जन्मदिन को मध्यप्रदेश (madhya pradesh) की शिवराज सरकार (shivraj government) द्वारा गरीब कल्याण सप्ताह (poor welfare weak) के रूप में मनाए जाने का मामला चुनाव आयोग (election commission) की चौखट तक पहुंच गया है ।
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा, दिग्विजय सिंह, अहमद पटेल और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चुनाव आयोग के समक्ष प्रदेश सरकार द्वारा 17 से 23 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे गरीब कल्याण सप्ताह अभियान को चुनाव के ठीक पहले सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताया है। कांग्रेस की दलील है कि जल्द ही उप चुनाव होने वाले हैं इसलिए बीजेपी इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। इसे सत्ता के दुरुपयोग की पराकाष्ठा बताते हुए निष्पक्ष चुनाव के लिए कांग्रेस ने इसे घातक बताया है और चुनाव आयोग से इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी है।
वहीं इसपर पलटवार करते हुए प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (home and jail minister dr.narottam mishra) ने कहा है कि “कांग्रेस का यह कदम उसकी गरीब विरोधी सोच का प्रतीक है। जब जब भाजपा ने गरीबों के कल्याण के लिए कोई भी कदम उठाया है, कांग्रेस ने उस में रोड़े अटका ने की कोशिश की है। हर बात को राजनीतिक चश्मे से देखने वाले कांग्रेसी साफ करें कि क्या वे नहीं चाहते कि गरीबों को एक रूपये किलो गेहूं और चावल मिले, क्या वे नहीं चाहते कि आंगनवाड़ी में गरीब बच्चों को दूध न मिले, क्या वे नहीं चाहते कि किसानों को फसल की बीमा राशि मिले, क्या वे नहीं चाहते कि मजदूरों को संबल योजना के माध्यम से जीवन जीने का संबल मिले और क्या भी यह भी नहीं चाहते कि हमारी युवाओं को लैपटॉप मिलें।” आने वाले सप्ताह में उप चुनावों की घोषणा संभावित है और उसके पहले कांग्रेस और बीजेपी के बीच गरीबों के मुद्दे पर चल रहा वाक युद्ध क्या रंग लाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।