भोपाल।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में बैठकों का सिलसिला जारी है। अब आठ जून को कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है , जिसमें हार पर मंथन,प्रदेश संगंठन में बदलाव और हारे हुए नेताओं की नई भूमिका पर चर्चा की जाएगी। करीब पांच महिने बाद यह बैठक होने जा रही है। इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय, पूर्व सांसद सिंधिया प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के साथ साथ सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह और विवेक तन्खा जैसे दिग्गज नेता भी शामिल होंगें।यह पहला मौका होगा जब सिंधिया हार के बाद किसी बैठक में शामिल होंगें।आने वाले चुनाव को देखते हुए यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है।
खबर है कि इस बैठक में प्रदेश संगठन के नए ढांचे पर भी चर्चा की जा सकती है।वही हारे हुए नेताओं की भविष्य में क्या भूमिका रहेगी और आने वाले नगरीय निकायों और पंचायत चुनाव को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। इसी के साथ हार के बार बिखराव और अतंरकलह को भी लेकर चर्चा होने की उम्मीद है।चुंकी हार के बाद से ही लगातार पार्टी अपनों की नाराजगी से घिर रही है।हाल ही में देवास से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रहलाद टिपानिया ने पार्टी के दिग्गज नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ा था और कई गंभीर आरोप लगाए थे।वही सोशल मीडिया पर भी कई नेताओं द्वारा प्रदेश नेतत्व में बदलाव की मांग उठाई गई थी ।आने वाले चुनाव और विधानसभा सत्र को देखते हुए यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है,इसमें चुनावी समीक्षा के साथ आगामी कार्ययोजना पर भी चर्चा की जाएगी।
वही बैठक में संगठनात्मक बदलाव पर भी विचार-विमर्श होगा। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए निगम-मंडलों में जल्द नियुक्तियों के लिए भी बात की जाएगी। बैठक में पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के कामकाज ब्यौरा पेश होगा जिसमें निष्क्रिय नेताओं की संगठन से छुट्टी की जाएगी। कांग्रेस के सामने इस समय हार से निराश और संगठन की कार्यप्रणाली से नाराज कार्यकर्ताओं को फिर से आत्मविश्वास से भरकर काम में लगाना बड़ी चुनौती है। बैठक में इस बारे में रणनीति तैयार की जाएगी। बड़े नेता अपने-अपने समर्थकों को नए सिरे से संगठन की गतिविधियों में लगाने की जिम्मेदारी उठाएंगे। कर्ज माफी जैसी बड़ी योजना के क्रियान्वयन के बाद भी प्रदेश में मिली हार के पीछे के कारणों को जानने के लिए चुनावी समीक्षा भी की जाएगी।