भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश के 40 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में शनिवार को साढ़े सात हजार करोड़ रुपये से अधिक पहुंचेंगे। खरीफ 2020 और रबी 2021 के प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि मध्य प्रदेश सरकार एक साथ बीमा कंपनियों से किसानों के खातों में जमा कराएगी। पहली बार किसी भी किसान को एक हजार रुपये से कम बीमा राशि नहीं मिलेगी। इसके लिए नियम में संशोधन किया गया है। यदि बीमा राशि कम बनती है तो अंतर की राशि राज्य सरकार मिलाकर किसान को न्यूनतम एक हजार रुपये देगी। मुख्य कार्यक्रम शनिवार को बैतूल में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हिस्सा लेंगे।
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किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के पचास लाख किसानों के खातों में 12 फरवरी को बैतूल से खरीफ फसल 2020 और रबी फसल 2020-21 फसल बीमा की राशि 7618 करोड़ रुपए अंतरित की जाएगी। कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा है कि किसान की आय दोगुनी हो और खेती लाभ का धंधा बने। इसके लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में किसान हितेषी सरकार है। उन्होंने कहा कि मध्यपदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां रविवार के दिन भी बैंक खुले और किसानों की फसलों का बीमा करवाया गया। मेरे कृषि मंत्री बनते से ही मैंने किसानों की चिंता की है। उनकी किसी भी आपदा में हम उनके खेत तक पहुंचे हैं। किसान होने के नाते मैं किसानों का दर्द समझता हूं, इसीलिए मैं फिर किसान भाइयों से निवेदन करता हूं कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार आपके हर संकट में आपके साथ खड़ी हुई है।प्रदेश में पिछले दो साल से लाखों हेक्टेयर क्षेत्र की खरीफ की फसल अतिवर्षा के कारण प्रभावित हो रही है। राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रावधानों के अनुसार तो किसानों को आर्थिक सहायता सरकार ने दी थी पर प्रधानमंत्री फसल बीमा अभी तक नहीं मिला था। फसल नुकसान का आकलन कर राजस्व और कृषि विभाग द्वारा मिलान करने के बाद प्रस्ताव बीमा कंपनियों को भेजा गया था, जिसे परीक्षण के बाद अंतिम रूप दे दिया गया है।
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कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि इस बार नियम में संशोधन करके यह प्रावधान भी कर दिया है कि बीमा की राशि एक हजार रुपये से कम नहीं होगी। यदि किसी किसान की दावा राशि कम बनती है तो अंतर की राशि राज्य सरकार मिलाकर उसे न्यूनतम एक हजार रुपये का बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। अंतर की राशि राज्य सरकार अलग से उपलब्ध कराएगी। वनग्रामों के पट्टाधारक किसानों को भी पहली बार बीमा मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने योजना में प्रावधान कर दिया है।