भोपाल।
मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अब एनआईए कोर्ट में हर हफ्ते हाजिरी लगाने से राहत मिल गयी है। साध्वी ने हर हफ्ते कोर्ट में हाजिरी देने के नियम में राहत की मांग की थी। हालांकि इस याचिका को एनआईए कोर्ट ने गुरुवार को ठुकरा दिया था। लेकिन फिर आज शुक्रवार को कोर्ट द्वारा उनकी इस याचिका को स्वीकार कर लिया गया।
दरअसल, साध्वी ने एनआईए कोर्ट के सामने एक अर्जी पेश की थी जिसमे उन्होंने कहा था कि अब वे सांसद बन गई हैं, इसलिए उन्हें हफ्ते में एक दिन के लिए भी कोर्ट आने के आदेश से हमेशा के लिए छूट दी जाए। इस अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन फिर शुक्रवार को कोर्ट ने साध्वी की अर्जी को स्वीकार कर लिया।
आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रमुख आरोपी मानी जाती हैं। प्रज्ञा के खिलाफ अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट के तहत मुकदमा चल रहा है। बीती 6 जून को भी सांसद प्रज्ञा ठाकुर खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर अदालत में पेश नहीं हुई और एनआईए कोर्ट ने ब्लास्ट के सभी आरोपियों को हफ्ते में कम से कम एक बार कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। प्रज्ञा भी मालेगांव धमाकों में आरोपी हैं पर फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं।
यह भी बता दें कि मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी 9 साल जेल में रह चुकिं हैं। वह खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर रिहा हुई और लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भोपा लोकसभ सीट से उम्मीदवार बना लिया।
मालेगांव ब्लास्ट मामला क्या है?
महाराष्ट्र के मालेगांव में सितंबर 2008 को बम धमाका में 7 लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। अक्टूबर 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था। हालांकि जांच में पाया था कि हमले की साजिश भोपाल में रची गई थी।