भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार तथा प्रदेश राज्य सूचना आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करने ऑनलाइन सुविधा प्रारंभ नहीं किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
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मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि संसद द्वारा 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार से सवाल पूछने का हक दिया गया था। कानून में प्रावधान किया गया था कि आरटीआई एक्ट की धारा 6 के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक लिखित आवेदन, ऑनलाइन अथवा अन्य युक्ति से प्रेषित कर सरकार से दस्तावेज या जानकारी मांग सकता है। इसके अलावा अधिनियम की धारा 7(1) में यह भी प्रावधान है कि अगर जानकारी किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी हुई है तो वह 48 घंटे में प्रदान की जानी चाहिए। इन प्रावधानों का पालन बगैर ऑनलाइन व्यवस्था किए संभव नहीं है। भारत सरकार ने वर्ष 2013 में आरटीआई पोर्टल बनाकर आवेदन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था दी है। केंद्रीय सूचना आयोग ने भी अपीलों एवं शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया है। मध्यप्रदेश राज्य ने लंबे पत्राचार के बाद साल 2021 में ऑनलाइन पोर्टल है, परंतु उसमें सभी विभागों और शासकीय कार्यलयों को जोड़ा नहीं गया है। इससे नागरिक ऑनलाइन आवेदन की सुविधा से वंचित हैं। मध्य राज्य सूचना आयोग के वेब पोर्टल में आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत अपील व शिकायत प्रस्तुत करने की ऑनलाइन सुविधा नहीं है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।