आउटसोर्स कर्मचारियों में बढ़ा आक्रोश, मांगों पर अड़े, ऊर्जा मंत्री बोले-जल्द करेंगे विचार

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। महंगाई भत्ते और राहत (DA/DR) की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे सरकारी कर्मचारियों के बाद अब मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी के आउटसोर्स कर्मचारियों ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।बिजली कंपनियों में संविलियन, वेतन-भत्ता समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पांचों कंपनी के करीब 45 हजार सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है, जिसके चलते बिजली संबंधित कामों पर असर पड़ रहा है। हालांकि ऊर्जा मंत्री ने एक बार फिर उन्हें आश्वासन दिया है, लेकिन कर्मचारी लिखित आश्वासन पर अड़े है।

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मंगलवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने कहा है कि विद्युत कम्पनियों के आउटसोर्स कर्मचारियों (power company outsourced employees) के साथ न्याय होगा। उनकी जायज माँगें मानी जायेंगी।  जल्द ही आपके साथ बैठकर आपकी माँगों पर विचार करेंगे। आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होने दूँगा।ऊर्जा मंत्री से कुरवाई जिला विदिशा में आउटसोर्स कर्मचारियों ने भेंट कर उन्हें माँगों संबंधी ज्ञापन दिया था।

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बिजली कर्मचारियों का कहना है अपनी मांगों को लेकर उनका प्रतिनिधि मंडल 23 अगस्त को ऊर्जा मंत्री से मिला था, उस दौरान मंत्री ने समस्या का निपटारा कर मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। मंत्री ने आश्वासन दिया लेकिन लिखित में कोई भी मांग अभी तक नहीं मानी, यदि उन्हें लिखित में मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलता तो कर्मचारी हड़ताल का विकल्प नहीं चुनते। वही एक बार फिर सिर्फ आश्वासन दिया गया है, लेकिन लिखित में कोई बात नहीं कही गई है।यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी तब तक उनकी मांगों को नहीं मान लिया जाता।

पड़ सकता है असर

बिजली (Electricity) का मेंटेनेंस, राजस्व वसूली, मीटर रीडिंग, बिल वितरण (Electricity Bill), उपभोक्ता कंप्लेंट, नए कनेक्शन, लाइनों का मेंटेनेंस, फाल्ट फिटरो के साथ सुधार के काम भी प्रभावित हो सकता है।

ये है प्रमुख मांगें

  • आउटसोर्स कर्मचारियों को बिजली कंपनी में मर्ज किया जाए।
    वेतन में बढ़ोतरी की जाए।
  • मप्र के बिजली क्षेत्र से ठेकेदारी कल्चर खत्म कर आउटसोर्स रिफार्म नीति बनाई जाए।
  • सब स्टेशन ऑपरेटर, पॉवर प्लांट ऑपरेटर, हेल्पर और सुरक्षा सैनिकों को साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य रूप से दिया जाए।
  • पॉवर ग्रिड और सब स्टेशन व पॉवर प्लांट ऑपरेटरों को कुशल श्रमिक के स्थान पर उच्च कुशल श्रमिक का मासिक मानदेय प्रतिमाह दिया जाए।
  • स्वास्थ्यकर्मियों की तरह 3 हजार रुपये का प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाए। ठेका श्रमिकों को बोनस भी दिया जाए।
  • 45 साल की उम्र पार कर चुके ठेकाकर्मियों को 60 वर्ष तक सेवा में रखा जाए।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 माह का तकनीकी प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से मिलें।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके गृह स्थान से अधिकतम 5 किमी से अधिक की दूरी पर ट्रांसफर नहीं किया जाए।
    सुरक्षा के सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाए।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन पर्ची, इंश्योरेंस व ईएसआईसी कार्ड की प्रति, ऑफर लैटर, आईडी कार्ड दिए जाए।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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