कमलनाथ बोले- 45 साल में कभी नहीं की सौदे की राजनीति, उपचुनाव तय करेंगे मप्र का भविष्य

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा (BJP) के बाद अब कांग्रेस (Congress) ने भी उपचुनाव (By-election) को लेकर शंखनाद कर दिया है। जहां भाजपा ने 27 में से 16 सीटों वाले ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) से आगाज किया वही कांग्रेस ने सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पकड़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Former Chief Minister and Congress State President Kamal Nath) ने आगर-मालवा के बगलामुखी माता मंदिर से इसकी शुरुआत की। इस दौरान नाथ ने कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मै सौदे की राजनीति नहीं करने वाला था इसीलिए मैने इस्तीफा दिया। मेरे 45 साल की राजनीति पर कोई उंगली नहीं उठा सकता।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनाव में आगर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विपिन वानखेड़े के पक्ष में बडौद में सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान की हत्या हुई है, मुंह चलाने और प्रदेश चलाने में अंतर है, मैं सौदे की राजनीति नहीं करता, मेरे 45 साल के राजनीतिक जीवन पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है, 15 साल भाजपा की सरकार रही, 15 माह हमारी सरकार रही, मै सौदे की राजनीति नहीं करने वाला था इसीलिए मैने इस्तीफा दिया।

वही भावुक होते हुए कमलनाथ ने कहा कि साढ़े ग्यारह महीने में मैने कौन सा पाप, गुनाह, गलती की? मैने कर्जा माफ किया, माफिया के खिलाफ मुहिम छेड़ी, मिलावट के खिलाफ लड़ाई लड़ी, शुद्ध का युद्ध शुरू किया, मगर सौदा हो गया सरकार गिरा दी गई।कमलनाथ ने यहां अपने भाषण में कहा कि प्रदेश में हमने तो वोट से सरकार बनाई थी, लेकिन यहां प्रजातंत्र से खिलवाड़ हुआ, यह उपचुनाव नही मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है।

इस दौरान जहां उन्होंने खराब सोयाबीन की फसल का जायजा लिया, वहीं किसानों से भी चर्चा की।बडौद तहसील के ग्राम लोधाखेड़ी के किसान सुरेश के खेत में जाकर खराब सोयाबीन की फसल का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत खराब है, युवाओं की हालत खराब है, मैंने बिना कहे खराब फसल का मुआवजा दिया था, चाहे आप अन्नदाता से पूछ लीजिए।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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