भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने नीमच जिले में खिलौनों की खरीदी में हो रहे भ्रष्टाचार की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र। साथ ही उन्होंने लिखा कि विगत वर्षो में खरीदे गये करोड़ों रूपयों के खिलौने का भी भौतिक सत्यापन कराया जाये।
यह भी पढ़ें…मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव : सीएम शिवराज दिल्ली रवाना, जिन नामों पर फंसा पेंच वहाँ संघ की एंट्री
दिग्विजय सिंह का सीएम शिवराज को पत्र
प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,
नीमच जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजीत कांठेड़ का पत्र मूलतः संलग्न है। जिसमें उन्होने नीमच जिले की 436 आंगनवाड़ियों को दिये गये 56 लाख रुपये में अनियमितताओं का जिक्र किया है और खिलौने खरीदने के नाम पर बड़े घोटाले की आशंका व्यक्त की है। इस मामले की शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराई जानी चाहिए।
राज्य के केबिनेट मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने गत वर्ष 2021 में अपनी स्वेच्छानुदान मद से 56 लाख 68 हजार रुपये की राशि 436 आंगनबाडी केन्द्रो को प्रदान की थी। इस आवंटन के पश्चात जिला कलेक्टर की ओर से प्रत्येक आंगनबाडी कार्यकर्ता के खाते में 13 हजार रुपये के मान से 56 लाख रुपये वितरित किये गये थे। राशि प्राप्त होने के बाद कई आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर पर बच्चों के लिए खिलौने खरीद लिए थे।
इस बीच जावर के परियोजना अधिकारी ने एस.डी.एम. के हवाले से सभी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं से 13-13 हजार रुपये एक निजी ठेकेदार के खाते में वापस जमा करने के निर्देश दिये इस मौखिक और वाट्सअप पर प्राप्त आदेश से परियोजना क्षेत्र में हडकंप मच गया। उन्हें आश्चर्य हो रहा था कि एक साल के बाद राशि वापस करने के आदेश दिये जा रहे है। बताया गया है कि अभी तक 70 से अधिक केन्द्रो से एक ठेकेदार के खाते में राशि जमा करा दी गई है।
यह भी पढ़ें…. मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव : सीएम शिवराज दिल्ली रवाना, जिन नामों पर फंसा पेंच वहाँ संघ की एंट्री
माननीय मुख्यमंत्री जी एक तरफ आप हाथ ठेला लेकर आंगनबाड़ी केन्द्रो के बच्चों के लिए घर-घर जाकर खिलौने एकत्र कर रहे है, वहीं आपके अधीन कार्यरत महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर खिलोनों की खरीदी में लाखों रुपये का भ्रष्टाचार कर रहे है। मेरा मानना है कि राज्य शासन में प्रदेश की करीब 90 हजार आंगनबाडियों और उप आंगनबाडियों में आने वाले 60 लाख बच्चों के लिए बजट में रखे गये और विगत वर्ष में 100 करोड़ रुपये से खरीदे गये एक-एक खिलौने यदि केन्द्रों तक पहुंच जाते तो आपको जनता से खिलौने मांग कर आंगनबाडियां चलाने की जरुरत ही नहीं पडती। आप प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग का अतिरिक्त दायित्व संभाल रहे है। आपको प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते 16 वर्ष होने जा रहे है। इसके बाद भी प्रदेश में दस लाख से अधिक कुपोषित होकर कम वजन की श्रेणी में मौजूद है। यह संख्या प्रदेश को शर्मसार करती है।
एक तरफ आप घर-घर जाकर खिलौने मांग रहे है और दूसरी तरफ आपके निर्देश पर आंगनबाडी कार्यकर्ता गांवों में जाकर गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा मांग रही है ताकि कुपोषण मिटाया जा सके। यदि खिलौने और अनाज मांग कर गरीब बच्चों के लिए 35 सालों से संचालित आंगनबाडी केन्द्रों को चलाया जाना है तो हर वर्ष प्रावधानित हजारों करोड़ रुपये का बजट कहाँ जा रहा है? क्या प्रदेश के पास पौने तीन लाख करोड़ से अधिक के बजट के बाद भी आंगनबाडियों के लिए खिलौने और पोषण आहार के लिए की राशि नहीं है ? प्रदेश के आंगनबाडी केन्द्रों में जाने वाले लाखों बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के लिये बजट का टोटा है तो श्वेत पत्र लाकर प्रदेश की जनता को बताया जाये और उसके द्वारा दिये जा रहे विभिन्न प्रकारों के करो से हटकर आंगनबाड़ियों के संचालन के लिये रूपये देने की अपील की जाये।
मेरा आपसे निवेदन है कि नीमच जिले में खिलौनों की खरीदी में हो रहे भ्रष्टाचार की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच कराई जाये। साथ ही विगत वर्षो में खरीदे गये करोड़ों रूपयों के खिलौने का भी भौतिक सत्यापन कराया जाये।
सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।