भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने एक बार फिर बड़ा तोहफा दिया है। केन्द्र सरकार (Central Government) ने मध्य प्रदेश के चार जिलों में खेलो इण्डिया सेंटर के लिए 40 लाख रुपए की मंजूरी दे दी है।इसके तहत दतिया में रोईंग, मुरैना में एथलेटिक्स, सागर में हॉकी एवं देवास में बेडमिंटन के सेंटर स्थापित किए जायेंगें।
दरअसल, मध्य प्रदेश के शिवराज सरकार में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia) ने नये खेलो इंडिया सेंटर की मंजूरी के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, इसके बाद केंद्र सरकार के युवा कार्यक्रम, खेल मंत्रालय, नई दिल्ली (Ministry of Sports, New Delhi) द्वारा मध्य प्रदेश को चार जिलों में खेलो इण्डिया सेंटर(Khelo India Center) बनाने के लिए 40 लाख रुपयों की मंजूरी प्रदान की गई है। इसके लिए सिंधिया केन्द्रीय खेल मंत्री और केन्द्र सरकार को साधुवाद दिया है।
इसमें मध्य प्रदेश के दतिया में रोईंग, मुरैना में एथलेटिक्स, सागर में हॉकी एवं देवास में बेडमिंटन के सेंटर स्थापित किए जायेंगें।पूर्व में प्रदेश के छह जिलों में खेलो इंडिया सेंटर की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दी जा चुकी है। इनमें सिवनी, मंदसौर, बैतूल, दमोह होशंगाबाद और शिवपुरी में एक-एक हॉकी का खेलो इंडिया सेंटर शामिल है।
रियो ओलंपियन अंकित शर्मा ने कहा कि खेलो इंडिया योजना से निश्चित ही प्रदेश के अधिकतम खिलाड़ी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि मैं चंबल संभाग से हूँ जहाँ पूर्व में कम खेल सुविधाएँ थीं परंतु प्रदेश की खेल मंत्री सिंधिया के प्रयासों से खेलों के विकास में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिससे संभाग में खेलों को बढ़ावा मिला। प्रदेश में स्थापित खेल अकादमियों के माध्यम से अनेक एथलीट उच्च स्तर पर अपना और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
बता दे कि खेलो इंडिया भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में जमीनी स्तर पर खेल अधोसंरचना की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में 1000 खेलो इण्डिया स्मॉल सेन्टर स्थापित किए जाना है। इस योजना को विकसित करने का निर्णय जून, 2020 में लिया गया था। देश में खेलो इण्डिया स्मॉल सेंटर की संख्या 360 हो गई है।
केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक खेलो इंडिया सेंटर के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। इसमें प्रशिक्षकों का मानदेय, उपकरण खरीदी, खेल किट और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल होगा। जमीनी स्तर पर खेल अधोसंरचना की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खेलो इण्डिया सेंटर प्रारंभ किए जा रहे हैं।इसमें मध्य प्रदेश को भी सौगात दी गई है।