मप्र उपचुनाव : बाकी की 4 सीटों पर कांग्रेस में मंथन, भाजपा ने अबतक नही खोले पत्ते

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंबे सर्वे और मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने मध्यप्रदेश उपचुनावों (Madhya Pradesh by-elections) के लिए 28 में से 24 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है।खास बात ये है कि दोनों लिस्टों में कांग्रेस ने दल बदलुओं पर ज्यादा भरोसा जताया है। अब भी चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय नही हो पाए और मंथन जारी है। माना जा रहा है कि चार सीटों मुरैना, मेहगांव, मलहरा और ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार पार्टी 29 सितंबर के बाद घोषित कर सकती है। वही भाजपा (BJP) ने अबतक अपने पत्ते नही खोले है। इधर चुनाव आयोग ने भी अबतक तारीखों का ऐलान नही किया है, हालांकि मंगलवार को चुनाव आयोग  (Election Commission) की बैठक में स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन इसके पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज है।

दरअसल, मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP Assembly by-election)  के लिए कांग्रेस ने रविवार को अपनी दूसरी लिस्ट जारी की थी, जिसमें 9 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया था,  इनमें से भी चार उम्मीदवार ऐसे हैं, जो कभी भाजपा में रह चुके हैं और दो प्रत्याशी कभी बसपा में रह चुके हैं। इससे पहले 15 प्रत्याशियों की सूची जारी की गई थी। इसी के साथ कांग्रेस ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और इनमें से दूसरे दलों से आये नौ लोगों पर दांव लगाया है, जिनमें से भाजपा से कांग्रेस में आये सात नेता एवं बसपा से आये दो नेता शामिल हैं।  लेकिन अभी भी चार सीटों मुरैना, मेहगांव, बदनावर और बड़ा मलहरा पर प्रत्याशियों के नामों का चयन होना बाकी है, जिसको लेकर मंथन चल रहा है। इनमें मेहगांव सीट  को लेकर जमकर पेंच फंसा हुआ है, क्योंकि यहां बीजेपी से छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी दावेदारी ठोक रहे है, जिसका विरोध वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) द्वारा किया जा रहा है।इसके पीछे का कारण  डॉक्टर गोविंद सिंह अपने भांजे राहुल भदौरिया को यहां से टिकट दिलाना चाहते हैं।  बदनावर सीट पर भी हालात कुछ ऐसे ही है।यहां कांग्रेस पार्टी को बीजेपी के बड़े नेता भंवर सिंह शेखावत की हरी झंडी का इंतजार है, हालांकि पार्टी ने यहां से अभिषेक सिंह का नाम फाइनल कर लिया है। तीसरी सीट है बड़ा मलहरा और मुरैना को लेकर जातिगत समीकरण को लेकर पेंच फंसा है, चुंकी चंबल में जातिकरण फैक्टर काफी हावी रहता है।हालांकि दो लिस्टों को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस बाकी चार नाम भी सर्वे के आधार पर ही घोषित करेगी। इसके लिए सर्वे रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सुत्रों की माने तो बाकी चार सीटों के लिए कांग्रेस की नजर भाजपा के अंसतुष्ट नेताओं पर है। टूटकर किसी नेता के कांग्रेस में भी शामिल होने की उम्मीद है।

अबतक इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति के बाद कांग्रेस पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) ने मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए 9 उम्मीदवारों के नामों की दूसरी सूची जारी की है, जिसमें कांग्रेस ने जौरा सीट से पंकज उपाध्याय, सुमावली से अजब कुशवाह, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार, पोहरी से हरिबल्लभ शुक्ला, मुंगावली से कन्हैया राम लोधी, सुरखी से पारूल साहू, मांधाता से उत्तम राज नारायण सिंह, बदनावर से अभिषेख सिंह टिंकू बाना एवं सुवासरा से राकेश पाटीदार को टिकट दिया है। इन उम्मीदवारों में से सतीश सिकरवार, अजब कुशवाह एवं पारूल साहू हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इससे पहले कांग्रेस 11 सितंबर को अपनी पहली सूची में 15 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया था, जिसमें दिमनी, अंबाह, गोहद, ग्वालियर, डबरा, भांडेर, करैरा, बमोरी, अशोकनगर, अनूपपुर, सांची, आगर, हाटपिपलिया, नेपानगर और सांवेर शामिल हैं। कांग्रेस की पहली सूची में जारी उम्मीदवारों में से प्रेमचंद गुड्डू, सत्यप्रकाश सिकरवार, सुरेश राजे एवं कन्हैयालाल अग्रवाल पहले भाजपा में रह चुके हैं, जबकि फूल सिंह बरैया एवं प्रागीलाल जाटव पहले बसपा के नेता रह चुके हैं।

भाजपा ने अबतक नही खोले पत्ते
इधर भाजपा ने अबतक अपने पत्ते नही खोले है। आम तौर पर चुनाव में प्रत्याशियों को की घोषणा के इस मामले में भाजपा (BJP) कांग्रेस से आगे रहती है। लेकिन इस बार वह कांग्रेस से पिछड़ गई है। भाजपा ने अब तक एक भी सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।सुत्रों की माने तो कई सीटों पर प्रत्याशियों के विरोध के चलते अंदरखानें में मंथन चल रहा है।हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) का कहना है कि हमारे तो प्रत्याशी घोषित ही हैं सब काम कर रहे हैं।

भाजपा-कांग्रेस के लिए साख बचाना चुनौती

इतिहास में यह पहला मौका है जब एमपी की 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है।यह चुनाव मप्र का भविष्य़ तय करेंगे। 25 सीटे ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों और पूर्व विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है। वही तीन सीटे विधायकों के निधन के बाद खाली हुई है। इस बार का चुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्व माना जा रहा है, जहां भाजपा के लिए सरकार बचाना चुनौती है वही कांग्रेस के लिए कमबैक करना।वर्तमान में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है, BJP को पूर्ण बहुमत के लिए जहां 9 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करनी है, वहीं कांग्रेस को सभी 28 स्थानों पर जीत हासिल करनी होगी, तभी उसे पूर्ण बहुमत हासिल हो पाएगा। हालांकि, चुनाव आयोग ने फिलहाल उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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