MP News : बारिश को देखते हुए सरकार की तैयारी, आपात स्थिति से निपटने के लिए कलेक्टर्स और CMHO को अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश

पीएम हेल्थ पोरवाल ने  बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अस्थाई राहत शिविरों के लिये मेडिकल टीम का गठन और संक्रामक रोगों की रोकथाम की पर्याप्त व्यवस्था करने के प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये हैं।

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MP News :  मध्य प्रदेश में मानसून की बारिश से पहले ही अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति में जल जनित रोगों उल्टी, दस्त, पेचिश, हैजा, पीलिया, टाईफाइड आदि की संभावना को देखते हुए सरकार एक्टिव मोड में आ गई है प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा  विवेक कुमार पोरवाल ने निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे किसी भी संभावित क्षेत्र में पर्याप्त चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक और कलेक्टर अभी आवश्यक तैयारियाँ कर लें जिससे किसी भी आपात स्थिति स एनिप्ता जा सके।

मैदानी अमलों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करें

पीएस पोरवाल ने निर्देश दिये हैं कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों के समस्या मूलक ग्रामों तथा दुर्गम क्षेत्रों को चिन्हित किया जाये तथा बाढ़ संभावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए जिले में कंट्रोल रूम की स्थापना स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर स्थापित की जाये। आपदा प्रबंधन के लिए जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये। अधीनस्थ मैदानी अमले आशा, ए.एन.एम., एम.पी.डब्लू. सी.एच.ओ., एल.एच.व्ही. तथा पुरूष सुपरवाईजर का मूलभूत चिकित्सकीय उपचार तथा रोगियों के वर्गीकरण विषयों पर उन्मुखीकरण और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए।

टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का हो निर्बाध संचालन

पीएम हेल्थ पोरवाल ने  बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अस्थाई राहत शिविरों के लिये मेडिकल टीम का गठन और संक्रामक रोगों की रोकथाम की पर्याप्त व्यवस्था करने के प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये हैं। टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के निर्बाध संचालन की व्यवस्था और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में एम्बुलेंस सेवाओं की आवश्यकता का आंकलन भी कर लें।

वरिष्ठ नागरिक और हाई रिस्क मरीजों की निगरानी की रखें पूर्व तैयारी

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप, लिवर, किडनी, श्वसन रोग से पीड़ित लोगों की निगरानी के लिये व्यवस्था रखी जाये। समस्त अस्पतालों में पेय जल, विद्युत आदि की वैकल्पिक व्यवस्था के प्रबंधन के निर्देश दिये गये हैं।

दवाओं को पर्याप्त स्टॉक रखें

चिकित्सा सेवाओं और भू-तल/तहखानों में बने मेडिकल स्टोर को आपात स्थिति में क्षति से बचाव के लिये स्थानीय परिस्थिति अनुसार कार्ययोजना बनाई जाए। अतिवृष्टि से संभावित जल जनित/वेक्टर जनित बीमारियों के उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता, ए.एन.एम. तथा सी.एच.ओ. के पास समस्त आवश्यक औषधियों व सामग्री ओआरएस, क्लोरीन टेबलेट, पैरासीटामॉल, मेट्रोनिडज़ोल, मेटोक्लोप्रमिड, एंटीबॉयोटिक्स, आइवी फ्लूइड, एंटीलमिंटिक्स, एंटीडायिरियल, एंटीस्पासमोडिक्स, वैक्सीन, ब्लीचिंग पॉउडर आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

आपात स्थिति में प्रशिक्षित रैपिड रिस्पांस दल रहें तैयार

आपात स्थिति में त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिए सहयोगी निजी संस्थायें, गैर शासकीय संस्थान तथा सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के सहयोग प्राप्त करने हेतु सामंजस्य स्थापित करके रखा जाये। विभिन्न विभाग वन, पुलिस, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला बाल विकास, मौसम विभाग आदि से समन्वय स्थापित कर बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिए महामारी नियंत्रण हेतु समन्वित योजना बनाई जाए। जिला व विकास खंड स्तर पर आपात स्थिति में प्रशिक्षित चिकित्सा दलों को रैपिड रिस्पांस दल के तौर पर सचेत रखा जाए।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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