भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। इन विडियोज में आप जो बच्चा देख रहे हैं वो महज 5 साल का है, पर जब भी कोई इसकी प्रतिभा (Talent) को देखता है तो कह उठता है “वाह उस्ताद” (woh ustad)। कई लोगों को तो इस बात का आश्चर्य होता है कि ढोल से भी कम वजन का यह छोटा उस्ताद कैसे एक परिपक्व कलाकार की तरह ढोल बजा लेता है।
5 वर्ष का हर्षवीर खोंगल भोपाल शास्त्री नगर का निवासी है, इनके पिता विवियन खोंगल और मां स्नेहा खोंगल जब भी अपने बच्चे को इस वाद्ययंत्रों को बजाते हुए देखते हैं तो खुशी से सराबोर होकर नजरें उतारने लगते हैं। चाहे ढोलक की बात करें या ढोल की या डफली की यह बच्चा जो भी यंत्र अपने हाथ में उठाता है तो देखने वालों को ऐसा लगता है कि मानो वो किसी उस्ताद को सुन रहे हों। यही कारण है कि 5 साल का यह नन्हा कलाकार जहां भी जाता है लोग इसे घेरकर इसे सुनने के लिए बैठ जाते हैं और हर्षवीर भी बिना किसी को निराश किए लोगों को अपनी प्रतिभा से मंत्रमुग्ध कर देता है।
हर्षवीर के माता पिता बताते हैं कि वे कभी भी उसे इस चीज़ के लिए ना ही रोकते हैं ना ही टोकते हैं और यह बच्चा भी कभी उन्हें शिकायत का मौका नहीं देता। अपनी इस प्रतिभा के साथ साथ हर्ष पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देता है।
About Author
Amit Sengar
मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।
वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”