भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए किया गया आरक्षण पंचायत चुनावों (MP Panchayat Election 2021-22) के टलने का कारण बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग(state election commission) ने पंचायत चुनावों से ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) हटा दिया है। बीजेपी इसके लिए कांग्रेस पर निशाना साध रही है।
शिवराज सरकार की एक और बड़ी तैयारी, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, कलेक्टरों को मिलेंगे ये अधिकार
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने के निर्देश दिए थे। इसके थोड़ी देर बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किया और ओबीसी आरक्षण वाली सभी सीटों पर चुनाव प्रक्रिया को रोक दिया। हालांकि यह आदेश आने के तुरंत बाद राज सभा से कांग्रेस के सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने ट्वीट कर सफाई दी कि हमारी याचिका रोटेशन से संबंधित थी ना कि OBC आरक्षण से। तन्खा ने यह भी कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर दिया गया निर्णय महाराष्ट्र पर आधारित निर्णय है और इसका जवाब राज सरकार ही दे सकती है।राज्य सरकार चाहे तो न्यायालय के समय मध्य प्रदेश की परिस्थिति रख सकती है।
तन्खा ने यह भी कहा कि ओबीसी का हक एक गंभीर संवैधानिक विषय है और राज्य सरकार (MP Government) को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। वही अब बीजेपी इस मुद्दे पर मुखर हो गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर हितेश वाजपेई का कहना है कि कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जाफर और विवेक तंखा व कांग्रेस ने पंचायतों से पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म करा दिया। उन्होंने केंद्र और मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में किए गए कार्यों को भी गिनाया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग बनाना, नीट में आरक्षण पिछड़ा वर्ग चुनने की राज्यों को आजादी और शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछड़ा वर्ग के राज्य में नोटिफिकेशन, अदालतों में आरक्षण के पक्ष में लड़ाई जैसे कामो का उल्लेख किया गया है।
MP पंचायत चुनाव: आयुक्त ने दिए ये निर्देश, इन सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकी, अधिकारियों को बांटे कार्य
वहीं कांग्रेस पर आरोप लगाया गया है कि 55 साल तक कांग्रेस और कमलनाथ ने पिछड़ा वर्ग को न केवल केंद्र बल्कि मध्यप्रदेश में भी धोखा दिया है। इतना ही नहीं,वाजपेई ने पिछड़ा वर्ग के पंचायत चुनाव में आरक्षण की हत्या का आरोप विवेक तंखा, सैयद जाफर और कांग्रेस पर लगाया है। जाहिर सी बात है कि जिस तरह से पिछड़ा वर्ग का आरक्षण फिलहाल पंचायत चुनाव में टल गया है, उसे लेकर अब मध्य प्रदेश में राजनीतिक घमासान और तेज होगा।