भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उपचुनाव (By-election) से पहले प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने जूनियर डॉक्टर्स (JUDA)और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (Medical Teachers Association) की मांग को पूरा कर दिया है। सरकार ने मेडिकल कॉलेज के स्वशासी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी शासकीय कर्मचारियों के समान मेडिकल रीइंबर्समेंट की योजना लागू (Medical reimbursement scheme implemented) कर दी है। इसके आदेश जारी कर दिए गए है।
दरअसल, जूनियर डॉक्टर्स (JUDA)और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मेडिकल रिएंबर्समेंट की मांग लगभग 25 सालों से कर रहे थे। इसके लिए कई बार जूडा और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन सरकार को ज्ञापन और विरोध के माध्यम से अवगत भी कर चुके थे। हाल ही में डॉक्टर्स ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कोरोना संकटकाल में रिम्बर्समेंट की सुविधा देने की मांग की थी, जिसे आखिरकार स्वीकृति दे दी गई है।आदेश के लागू हो जाने से शासकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज के स्वशासी संस्था के अधीन नियुक्त हुए 10 हजार से अधिक डॉक्टर एवं कर्मचारी लाभान्वित होंगे ।
प्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के समान ही मेडिकल रीइंबर्समेंट प्रदान किए जाने की स्वीकृति के आदेश जारी किए गए हैं। यह स्वीकृति चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) के दिशा-निर्देशों एवं हस्तक्षेप के बाद जारी किए गए। कोविड-19 महामारी में कार्य कर रहे स्वशासी संस्था के अधीन नियुक्त डॉक्टर्स, नर्सिंग पैरामेडिकल, टेक्नीशियन एवं अन्य स्टाफ के लिए 3 हजार प्रति वर्ष के मेडिकल रीइंबर्समेंट का प्रावधान था। जबकि प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के लिए इलाज, उपचार एवं जांच का पूर्णरूपेण मेडिकल रीइंबर्समेंट किए जाने का मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम, 1958 का प्रावधान लागू है।