भोपाल। लंबे इंतजार के बाद प्रदेश में वर्ग-3 की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी को लिखित परीक्षा कराने के लिए पत्र भेजा है। पत्र मिलते ही पीईबी ने भी तैयारियां शुरु कर दी है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद वैंकेसी निकाली जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में 19 हजार पद खाली है और करीब 10 हजार पदों भर्ती की जानी है।
दरअसल, पिछले 11 साल से मध्यप्रदेश में संविदा शिक्षक वर्ग 3 परीक्षा के नाम से प्रचलित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं हुई है, जबकी परीक्षा का ऐलान विधानसभा चुनाव से पहले 2018 में किया गया था । उम्मीदवारों में राज्य सरकार के प्रति बढती नाराजगी के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने पीईबी को पत्र लिखकर आचार संहिता हटते ही चुनाव कराने को कहा। पीईबी ने चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है।
उम्मीद की जा रही है कि 2019 20 के लिए नियमित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सत्र शुरू होने से पहले नहीं हो पाएगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही पीईबी आवेदन पत्र आमंत्रित कर चयन प्रक्रिया शुरू कर देगा। हालांकि इस समय प्रदेश भर के प्राइमरी स्कूलों में 19 हजार से अधिक पद खाली हैं। इसके बाद भी ठीक आधे यानी 10 हजार पदों पर के लिए भर्ती परीक्षा कराने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। पद भले ही कम निकले हों, लेकिन इस परीक्षा में उच्चतर और माध्यमिक शिक्षक परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों से दोगुना अभ्यर्थी शामिल होंगे। परंतु विभाग में चर्चा यही है कि अभी पहले चरण में जुलाई 2019 तक 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। या तो बीच में वर्ग-1 और 2 की तरह ही इसमें पद बढ़ा दिए जाएंगे या फिर दूसरे चरण की परीक्षा में यह पद भरे जाएंगे।
बता दे कि वर्ग-3 की परीक्षा के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और पीईबी के बीच एक साल से पत्राचार चल रहा था लेकिन अब जाकर स्कूल शिक्षा विभाग ने पीईबी को सेवा शर्तें भेजकर भर्ती की तैयारी कराने को कहा है। स्कूल शिक्षा विभाग से प्राथमिक शिक्षक परीक्षा के सबंध में हाल ही में पत्र प्राप्त हो गया है। रूल बुक मिलते ही हम परीक्षा की तैयारियां शुरू कर देंगे। परीक्षा का आयोजन आचार संहिता के बाद ही किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में 1 लाख 15 हजार 503 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 81 हजार 335 प्राथमिक, 30 हजार 308 माध्यमिक व 3863 हाईस्कूल हैं। इनमें उच्चतर माध्यमिक शिक्षक वर्ग के 30 हजार, माध्यमिक शिक्षक वर्ग के 22 हजार व प्राथमिक शिक्षकों के 19 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। बजट व संसाधन की कमी के चलते सरकार एक साथ इतने पद भरने से हिचक रही है। उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के 19 हजार, माध्यमिक शिक्षक के 11 हजार 200 और प्राथमिक शिक्षक के 10 हजार पदों पर ही भर्ती कराई जा रही है। ऐसे में साफ है कि भर्ती के बाद भी करीब 30 हजार शिक्षकों के पद खाली रह जाएंगे।