भोपाल डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश के फूड एंड ड्रग कंट्रोलर पी नरहरि ने कहा है कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने निजी और सरकारी दोनों क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बात कही। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से रेमडेसिवीर इंजेक्शन को लेकर पूरे प्रदेश में आपाधापी का माहौल था।
सरकार का आदेश, अब हर कोरोना मरीजों को नहीं दिया जाएगा रेमडेसिविर इंजेक्शन
फूड एंड ड्रग कंट्रोलर पी नरहरि का कहना है कि सरकार ने निजी क्षेत्र में 21862 और सरकारी क्षेत्र में 5000 रेमडेसिवीर इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए हैं। किसी भी प्रकार से रेमडेसिवीर इंजेक्शन की किल्लत ना हो, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है और आने वाले दिनों में लगभग 50,000 से ज्यादा इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए जाएंगे ।नरहरि ने लोगों से यह भी अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें। सरकार पूरी तरह से इंजेक्शन की उपलब्धता कराने के लिए संकल्पित है।साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया है कि किस हालत मे मरीज को यह इंजेक्शन लगना है।
रामबाण नहीं रेमडेसिवीर का इंजेक्शन, इन मरीजों को ही होती है जरूरत
इंदौर में शनिवार को डॉक्टरों ने इस बारे में खुलासा किया था कि रेमडेसिवीर का इंजेक्शन कब और क्यों लगता है। अरविंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ विनोद भंडारी ने बताया था कि रेमडेसिवीर का इंजेक्शन 30% से ज्यादा लंग्स इंस्फेक्शन होने पर लगाने की जरूरत है जो वर्तमान में कई जगह पर पांच परसेंट और दस परसेंट पर लगाया जा रहा है। कई ऐसे डॉक्टर जो मरीज को भर्ती नहीं कर रहे हो वह भी रेमडेसिवीर का इंजेक्शन के लिए लोगों को लिख रहे हैं। डॉ. भंडारी ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का विकल्प इम्युनिसिन अल्फा इंजेक्शन और फेबिब्ल्यु 800 टेबलेट को बताया। रेमडेसिवीर का इंजेक्शन की नई गाइडलाइन में अब केवल उन लोगों को जो उस सीवियर पोजीशन में है या जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 92% से कम है उन्हीं को रेमडेसिवीर का इंजेक्शन देना है।