नरोत्तम मिश्रा का बयान-MP में फिर लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं, दुष्परिणाम देख चुके

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MadhyaPradesh) में कोरोना (Coronavirus) ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। रोजाना ढाई हजार से अधिक नए पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। रविवार को मध्यप्रदेश में 2579 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 5 हजार 644 हो गई है। वहीं पिछले 24 घंटे 27 संक्रमितों की मौत हो गई। जिसके बाद अब मृतकों का कुल आंकड़ा बढ़कर 1970 हो गया है, ऐसे में प्रदेश में फिर से लॉकडाउन लगेगा या नही इसको लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) का बड़ा बयान सामने आय़ा है।

गृहमंत्री का कहना है कि प्रदेश में दोबारा #lockdown लगाने का अभी कोई विचार नहीं है। लॉकडाउन के दुष्परिणाम हम सभी देख चुके हैं। अतः अब सभी को अपेक्षित सावधानी के साथ ही दैनिक जीवन की आदत डालनी होगी।वही मप्र में आज से लगने वाले दो दिवसीय विधानसभा सत्र को लेकर कहा कि मप्र विधानसभा (MP Assembly) का एक दिवसीय सत्र #coronavirus आपदा के बीच विशेष परिस्थितियों में हो रहा है। सरकार के कई मंत्री और विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। अतः आज विधानसभा में बजट और अन्य आवश्यक वित्तीय कार्य ही किए जाएंगे।कोरोना की छाया है सावधानी का नाम बुद्धिमानी है। दर्जन भर से ज्यादा मंत्री और उससे ज्यादा विधायक संक्रमित है। प्रोटेम स्पीकर ने बैठक की औऱ सर्वानुमति से यह तय हुआ है। जरूरी वित्तीय कार्य आज किये जाएंगे।

कर्जमाफी और किसानों के साथ धोखे को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को किसानों के साथ किए गए झूठे वादों के दुष्परिणाम तो भुगतना ही पड़ेंगे। उसे अब तो स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर वो अपने वचनपत्र में किए गए वादे क्यों नहीं पूरे कर पाई।  कांग्रेस ने किसान को धोखे में रखा कर्जमाफी में। नया कर्जा नही मिल पाया है, ऐसा किसान के साथ किया। कांग्रेस की डर्टी पोलिटिकल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी कमलनाथ (Kamalnath) मुख्यमंत्री थे तो गए नहीं, इस तरह की राजनीति नहीं करे जनता ने लाइव देखा है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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