मध्यप्रदेश में अब सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं, सदन में बहुमत से विधेयक पारित

Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अब मध्य प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नही, मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह विधेयक बहुमत से पारित हो गया। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सरकारी व निजी संपत्ति नुकसान की वसूली (संशोधन) विधेयक 2021 विधानसभा में बहुमत से पारित विधेयक में अब मध्यप्रदेश में साम्प्रदायिक दंगे, हड़ताल, धरना- प्रदर्शन या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले या सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ इस कानून के तहत एक्शन होगा।

यह भी पढ़े.. Guna News : अवैध उत्खनन के खिलाफ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, पॉकलेशन मशीन के ड्राइवर को किया गिरफ्तार

जल्द ही राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी उसके साथ ही यह कानून लागू हो जाएगा। इस कानून के अनुसार अब विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी सरकारी अथवा निजी चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, तो प्रदर्शनकरी या नुकसान पहुंचाने वाले से इतनी ही राशि की वसूल कर मालिक को दी जाएगी। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान भी इस कानून में होगा।

गृह मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि यह विधेयक ऐसे लोगों के लिए बनाया गया है, जो दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। घरों से पत्थर फेंकते हैं। अब ऐसे लोगों के घरों से पत्थर निकाले जाएंगे। अब ऐसे लोगों को इस कानून के दायरे में लाया गया है। ऐसे लोगों में अब कानून का भय रहेगा।

यह भी पढ़े.. आयोग का मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव को नोटिस, आखिर क्यों ग्रामीणों ने छोड़ा अपना गांव, जंगल को बनाया आशियाना

इस कानून के तहत प्रदर्शनकारियों से राशि वसूलने के लिए पूरी प्रक्रिया के तहत काम किया जाएगा, इसमें नए कानून में  ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इसका अधिकार क्षेत्र प्रदेश के सभी जिलों तक रहेगा। इसमें रिटायर्ड जज को कमिश्नर बनाया जा सकता है। आईजी व सचिव रैंक के रिटायर्ड अफसर मेंबर होंगे। धरना-प्रदर्शन और दंगों में सरकारी संपत्ति को नुकसान होने पर कलेक्टर और निजी संपत्ति को नुकसान होने पर संपत्ति मालिक ट्रिब्यूनल में जानकारी देंगे। जानकारी मिलने पर सबूतो के आधार पर घटना में दोषियों के खिलाफ ट्रिब्यूनल कार्रवाई करेगा। उनसे वसूली कर सरकारी कोष या निजी व्यक्ति के खातों में राशि जमा कराएगी। इसकी अपील केवल हाईकोर्ट में ही होने का प्रावधान किया गया है। ट्रिब्यूनल को भू राजस्व संहिता के अधिकार होंगे और उसके तहत ही वे अपना काम करेंगे। शिकायत के बाद क्लेम कमिश्नर मौके पर जाकर फोटोग्राफ व नुकसान की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को देगा। इसी आधार पर ट्रिब्यूनल फैसला देगा। क्लेम कमिश्नर उसका पालन कराएगा। ट्रिब्यूनल को मजबूती देने के लिए इसके फैसले को चुनौती सिर्फ हाईकोर्ट में ही दी जा सकेगी। वसूली देने में आनाकानी हुई, तो संबंधित व्यक्ति की संपत्ति की नीलामी भी हो सकती है। इस कानून के लागू होने के बाद माना जा सकता है की प्रदर्शन के दौरान होने वाला नुकसान अब नहीं होगा, कानून बनाने के साथ ही इसका सख्ती से भी पालन कराया जाएगा।


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News