पीसी शर्मा का सीएम शिवराज पर निशाना, कहा- सरकार केवल झूठी घोषणा का पिटारा

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में आगामी उपचुनाव को लेकर सियासी हलचले तेज हो गई है। वहीं इसी बीच मध्यप्रदेश में कृषि उपज मंत्री अधिनियम 1972 में संशोधन कर के मॉडल एक्ट को लागू किया गया है, जिसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। लागू किए गए मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी कर्मचारियों के साथ-साथ अब कृषि उपज मंडी के व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे है,जिसका कांग्रेस भी समर्थन कर रही है। कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मंडी एक्ट आ गया है, इसके तहत मंडी में किसान का अनाज बिकना बंद हो जाएगा और वो गुलामी में आ जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि पूरे देश में हो रहे मंडी एक्ट के विरोध का कांग्रेस पूरी तरह से समर्थन करती है। पीसी शर्मा ने आगे कहा कि सरकार को इनकी मांग पूरी करनी चाहिए और कांग्रेस पार्टी किसानों और व्यापारियों की इस लड़ाई में साथ है।

 

वहीं मास्क महाजनसंपर्क अभियान पर पीसी शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि इनके नेता हि मास्क नहीं लगाते है, कोविड की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पाए जाते है। इनके मास्क में कमल का फूर होगा। वहीं आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मास्क भी है, जिस पर ये लिखा है कि बिकाऊ नहीं टिकाउ चाइए गद्दार नही कमलनाथ की सरकार चाहिए।

वही कर्ज़ माफी के एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री शर्मा ने कहा की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में साढ़े 11 हजार किसानों का कर्जा माफ हुआ है। ग्वालियर चंबल क्षेत्र से किसानों का कर्जा माफ हुआ। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफ बिजली के बिल माफ यह ग्वालियर चंबल के पोस्टर में चलेगा। पीसी ने कहा कि कमलनाथ की मौजूदगी में मध्यप्रदेश जीडीपी में नंबर वन पर आया है।

वहीं सरकार के प्रदेश में खाली पड़े पदों की भर्ती को लेकर पीसी शर्मा ने कहा रि सरकार के पास पैसा है नहीं, जो नई भर्तियां करेंगे। प्रदेश सरकार किसानों की बीमा दे नहीं पा रही है, लगातार कर्ज पर कर्ज लिए जा रही है। नई भर्तियां करना सिर्फ चुनाव के लिए की गई झुठी घोषणा है और ये झूठ का पिटारा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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