भोपाल। फिजाओं में गूंजती भयावह, डरावनी और दिल दहलाने वाली आवाजें… काले लबादे, खुले बाल, होठों पर गहरी लाली, चेहरों पर पुता सफेद रंग लिए दर्जनों लड़कियां… कभी वह थिरकने लगतीं, तो कभी ठिठक कर खड़ी हो जातीं… तरह-तरह की आवाजों से माहौल को खौफनाक बनाने की कवायदें भी जारी रहतीं…. देर दोपहर, खुले आसमान के नीचे, भूतनियों के इस भयावह रूप को देखकर लोग आश्चर्यचकित दिखाई दे रहे थे…. कोई सराह रहा था, तो कोई वाह-वाह की आवाज लगा रहा था…. खास बात यह थी कि हजारों लोगों का मजमा इन्हें देखकर डर नहीं रहा, बल्कि आनंद ले रहा था….। भूतनियों का डांस खत्म हुआ तो खूब तालियां भी बजीं और हर तरफ से वाहवाही की पुकार भी उठी।
नजारा राजधानी के आरिफ नगर स्टेडियम में सोमवार दोपहर बना था। दरअसल यहां जारी स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं के दौरान डांस का परफारर्मेंस भी आयोजित किया गया था। स्कूली बच्चियों ने डर के तू रहना रे, बचके तू रहना रे…. गीत पर प्रस्तुति के दौरान इन भूतनियों का रूप धारण किया था। आयोजन महात्मा गांधी की 158वीं जयंति के मौके पर आरिफ अकील फैंस क्लब द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान करीब 150 अलग-अलग खेलों को शामिल किया गया है। 5 नवंबर से शुरू हुई खेलों की यह सीरिज 26 जनवरी को समारोह के साथ पूरी होगी। इस दौरान कुछ और रोचक खेलों को शामिल किया गया है। जो बचे हुए दिनों में प्रतियोगिता के रूप में पूरे किए जाएंगे। सोमवार को आयोजित प्रतियोगिताओं मेंं चित्रकला, विचित्र वेशभूषा, डांस, मेहंदी आदि को शामिल किया गया था।
अकील पहुंचकर कर रहे हौसला अफजाई
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील लगातार इन प्रतियोगिताओं में पहुंचकर खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई कर रहे हैं। सोमवार को स्टेडियम पहुंचे अकील ने कहा कि गांधी के सपनों का भारत सच्चा और स्वस्थ होना चाहिए। इसी धारणा के साथ बच्चों और बड़ों में खेल भावना जाग्रत करने के लिए कई खेलों को इन प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि बेहतर मानसिकता और स्वस्थ मनोरंजन की मौजूदगी लोगों को फिजूल की बातों से दूर करेगी। आरिफ अकील फैंस क्लब के एआर अंजुम ने बताया कि खेलों की इस श्रृंखला में कुछ ऐसे खेल भी शामिल किए गए हैं, जिनसे शहर और प्रदेश की संस्कृति परिलक्षित होती है। इसी के चलते शहर की पहचान रहे तांगों की दौड़ भी प्रतियोगिता में शामिल की गई है। इसका आयोजन 24 जनवरी को वीआईपी रोड पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समारोह का समापन 26 जनवरी की रात महफिल-ए-कव्वाली के साथ होगा।