PM Modi स्टूडेंट्स से करेंगे “परीक्षा पे चर्चा”, देंगे तनाव मुक्ति का गुरु मंत्र

Atul Saxena
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पीएम मोदी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश के लोगों से “मन की बात” (PM Modi “Mann Ki Baat”) करने वाले पीएम मोदी (PM Modi) समय समय पर अलग अलग विषयों पर चर्चा करते हैं। इस बार वे स्टूडेंट्स से चर्चा करने वाले हैं।  इस कार्यक्रम को नाम दिया गया है “परीक्षा पे चर्चा” (Pariksha Pe Charcha).प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 01 अपरिअल 2022 को देश के स्टूडेंट्स और अभिभावकों से चर्चा करेंगे।

प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार, 01 अप्रैल को “परीक्षा पे चर्चा” के दौरान विद्यार्थियों और अभिभावकों से चर्चा करेंगे। चर्चा में प्रधानमंत्री विद्यार्थियों को परीक्षा के तनाव से मुक्ति के गुर बताते हुए उनका उत्साहवर्धन करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) इस मौके पर भोपाल में शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, टी.टी. नगर में “परीक्षा पे चर्चा” के बाद प्रदेश के विद्यार्थियों और अभिभावकों से संवाद करेंगे। संवाद का लाइव प्रसारण, प्रादेशिक चैनलों, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किया जायेगा।

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मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सभी विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षकों से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी सभी विद्यार्थियों से परीक्षाओं, पढ़ाई, जीवन एवं अन्य विषयों संबंधी विभिन्न पहलुओं पर बात करेंगे।

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उन्होंने इस कार्यक्रम को परीक्षा उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से महत्वपूर्ण विषय पर प्रधानमंत्री  मोदी को सुनने का माहौल बनाए। प्रधानमंत्री मोदी का संवाद निश्चित रूप से इस वर्ष और अगले वर्ष की परीक्षा में भी उपयोगी साबित होगा।

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स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के संदर्भ में समाज की भूमिका भी सबके सामने लायेगा। शिक्षा के इस पड़ाव में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और शिक्षक समाज में बदलाव का महत्वपूर्ण कारक भी हैं। हमारे विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक तीनों मिलकर राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में अपने आप को समर्पित करें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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