World Mental Health Month : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मप्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत भोपाल के बैरागढ़ सिविल अस्पताल में विश्व मानसिक स्वास्थ्य माह (अक्टूबर) में आज छठवें कार्यक्रम को आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि सारी दुनिया हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाती है जिसके लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल की थीम “कार्यस्थल पर मानासिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता” है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल के निर्देशन और सिविल सर्जन जयप्रकाश चिकित्सालय, भोपाल की निगरानी में मानसिक स्वास्थ्य समस्या स्क्रीनिंग, उपचार और जागरूकता शिविर पूरे अक्टूबर माह में सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और ज़िला अस्पताल में आयोजित हो रहे हैं। आज बैरागढ़ सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ जे के जैन के निर्देशन में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य माह में कार्यक्रम आयोजित
इस कार्यक्रम में विभिन्न मानसिक व नशा संबंधी समस्याओं और तनाव व आत्महत्या जैसी समस्याओं की स्क्रीनिंग कर पीड़ितों को उपचार व मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया गया। इसके साथ साथ मानसिक समस्याग्रस्त लोगों के मानवाधिकारों और मातृत्व मानसिक स्वास्थ्य के विषय में लोगों को जागरूक भी किया गया। इस अवसर पर मानसिक समस्याग्रस्त लोगों के केयरगिवर्स का भी उन्मुखीकरण किया गया व मानसिक स्वास्थ्य और टेलीमानस कार्यक्रम पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर टेली-मानस कार्यक्रम के अंतर्गत जारी मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नम्बरों (14416 और 1800-89-14416) को प्रचारित करते हुए एवम मनकक्ष में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी IEC सामग्री वितरित की गई।
विशेषज्ञों ने दिए प्रतिभागियों के सवालों के जवाब
आज के कार्यक्रम के दौरान जय प्रकाश चिकित्सालय, भोपाल में पदस्थ डॉ आर के बैरागी, (मानिसक रोग विशेषज्ञ) और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के राहुल शर्मा (चिकित्सा मनोवैज्ञानिक) और अन्य चिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की गई और आवश्यकता प्रतीत होने पर लोगों को उपचार और परामर्श दिया गया। आज के शिविर में डॉ श्वेता सिंह, डॉ रोहिता, सुश्री नीतू पटेल, सुश्री रश्मि सहारे और सतचित बब्बर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत मे प्रतिभागियों के सवालों पर विशेषज्ञों द्वारा उत्तर दिए गए। कार्यक्रम में लगभग 110 से ज़्यादा लोगों ने भागीदारी की।