लोक अभियोजन अधिकारी अपराधियों को सजा दिलाने में पीछे न रहे – डॉ. मिश्र

दतिया, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के गृह, जेल, संसदीय कार्य एवं विधि विधायी कार्य विभाग के मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि लोक अभियोजन अधिकारी पूरे आत्म विश्वास, ईमानदारी, निष्ठा के साथ कार्य करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ अपराधियों को सजा दिलाने में पीछे न रहे। प्रदेश सरकार अभियोजन अधिकारियों के अधिकार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। गृह मंत्री डॉ. मिश्र रविवार को दतिया में होटल-मोटल में लोक अभियोजन संचनालय भोपाल द्वारा आयोजित विधिक संवर्धन विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में सबोध्तिा कर रहे थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर श्री संजय कुमार ने कार्यशाला में लोक अभियोजन अधिकारी, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी सहित पुलिस तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।

गृह मंत्री डॉ. मिश्र ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अभियोजन अधिकारी एक सेतु के रूप में कार्य करते है। उन्होंने लोक अभियोजन अधिकारियों से कहा कि वह अपनी शक्तियों को पहचानते हुए पूरे आत्म विश्वास निष्ठा एवं ईमानदार के साथ प्रकरणों का बारीकी से अध्ययन कर पीड़ित को न्याय दिलाने के साथ अपराधियों को सजा दिलाने में पीछे न रहे। जिससे समाज में लोक अभियोजन अधिकारियों के प्रति अच्छा संदेश जायेगा और अपराधियों में भय का वातावरण बनेगा।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है। पुलिस जवानों ने कोरोना द्धितीय लहर के तहत् सड़कों पर खड़े होकर अपने एवं अपने परिवार की चिन्ता किए बिना पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी सेवायें दी। डॉ. मिश्र ने कहा कि बालाघाट क्षेत्र मे नक्सलवाद एवं प्रदेश में गुड़ों एवं दस्यु गैंगों को खत्म कर दिया गया है। प्रदेश में 200 से अधिक माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है।

इसके अलावा प्रदेश में लव जिहाद का कानून लाकर कार्यवाही की गई। सरकार द्वारा पॉक्सो एक्ट के तहत् भी कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आयोजित होने वाली इस प्रकार की कार्यशालाओं में जीपीओ को भी शामिल किया जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर श्री संजय कुमार ने कहा कि लोक अभियोजन अधिकारी की पीड़ित को न्याय दिलाने के साथ दोषी को सजा दिलाने में अहम् भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रकरणों की विवेचना इस प्रकार करें की पीड़ित को न्याय मिलने के साथ अपराधी बच न सके। कलेक्टर ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों का क्षमता वर्धन होगा।

कार्यशाला के शुरू में बताया गया कि एक दिवसीय कार्यशाला में अलग-अलग चार सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा पॉक्सो एक्ट, जघन्य अपराध, टाक्सिन, दण्ड़ प्रक्रिया संहिता 41 पर चर्चा कर जानकारी दी जायेगी। कार्यशाला में लोक अभियोजन के उपंसचालक ग्वालियर प्रवीण दीक्षित, उपपुलिस अधीक्षक दीपक नायक, जिला अभियोजन अधिकारी दतिया आरसी चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी मुरैना श्री रोशन लाल, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण गुप्ता, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी विष्णुकांत समाधिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री अभय राठौर ने किया।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News