भोपाल/गुना। विजय जोगी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत अपनी जेड प्लस सिक्योरिटी के साथ शुक्रवार को देर रात ‘महाराज’ के गढ़ गुना पहुंचे।वे दो दिवसीय “युवा संकल्प शिविर” में शामिल होने यहां पहुंचे है। खास बात ये है कि मोहन भागवत 16 साल बाद गुना पहुंचे हैं। इससे पहले वो 2004 में गुना आए थे। वे यहां सीएए/एनआरसी समेत कई मुद्दों पर छात्रों से चर्चा करेंगे। विरोध के बीच संघ प्रमुख के इस दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।वही सियासी गलियारों में इस दौरे को लेकर कई मायने निकाले जा रहे है।कांग्रेस में भी दौरे को लेकर हलचल तेज हो चली है।
दऱअसल, संघ ने संवाद के बाद पूरे देश भर में सीएए के पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाने की जिम्मेदारी ली है। देश भर में अब सीएए के विरोध करने वालों इसके बारे में विस्तार से बताकर उनके मन की शंकाएं दूर की जाएंगीं। इसी के चलते भागवत गुना पहुंचे है और आज शनिवार को भागवत कॉलेज में छात्रों को संबोधित करेंगे।इसमें 16 जिलों के 1700 छात्र संघ की इस पाठशाला में शामिल होंगे। छात्रों को सीएए-एनआरसी की जानकारी देने के लिए शिविर में पु्स्तकें भी बांटी जाएगी, जिससे सीएए के बारे में स्वयंसेवकों पूरी जानकारी ले सकेंगे। गुना में ई-ट्री के जरिए स्वयंसेवक सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के तरीके सिखाएं जाएंगे। मोहन भागवत 16 साल बाद गुना पहुंच रहे हैं। 2004 के बाद मोहन भागवत पहली बार गुना पहुंचेंगे, जिसके लिए हाई सिक्योरिटी के बीच 20 बीघा क्षेत्र में वीर सावरकर नगर बसाया गया है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
शिविर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा प्रचार प्रमुख अरुण कुमार व सैंकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। शिविर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी राजपत्रित अधिकारियों सहित 150 से अधिक पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। शिविर स्थल पर उनके लिए भील समुदाय के कि सानों ने ताड़ के पत्तों और बांस से आवास तैयार कि या है। वे यहां प्रवास की अवधि में इसी आवास में रहेंगे।कार्यक्रम स्थल वीर सावरकर नगर में कई जोन बनाए गए हैं। जहां अलग-अलग तरह के कार्यक्रम चल रहे हैं। शिविर का समापन 2 फरवरी को होगा।
भागवत के दौरे को लेकर कांग्रेस में हलचल
सोलह साल बाद कांग्रेस के गढ़ में भागवत के पहुंचने से हलचल तेज हो चली है। मोहन भागवत के मध्य प्रदेश दौरे को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि मोहन भागवत का मध्यप्रदेश में स्वागत है लेकिन जिस तरह से नफरत की राजनीति RSS कर रही है।वह नफरत दिल से खाली करके मध्यप्रदेश आएं तो अच्छा होगा। मुंह में राम और दिल में नाथूराम की पॉलिसी देश को बांटने वाली है और इस राजनीति से किसी का भला नहीं होगा।