भोपाल।
विधानसभा के बाद सपाक्स लोकसभा चुनाव में दांव आजमाने की तैयारी में है। कांग्रेस-बीजेपी, सपा-बसपा के बाद अब सपाक्स भी मैदान में उतरने के लिए तैयार है। लोकसभा चुनाव में सपाक्स 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है।इसके साथ दी देश के अलग अलग राज्यों में भी सपाक्स करीब 40 से 45 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। बता दे कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी सपाक्स ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन जीत कही भी हासिल ना हो सकी, लेकिन इससे भाजपा-कांग्रेस को वोटों को नुकसान हुआ।सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ औऱ सत्ता चली गई थी।खैर ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि सपाक्स का लोकसभा चुनाव में कांग्रेस -भाजपा पर कितना असर पड़ता है।
दरअसल, आज प्रेसवार्ता आयोजित कर सपाक्स पार्टी के अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि विधानसभा चुनाव की तरह सपाक्स पार्टी लोकसभा चुनाव भी लड़ेगी। मध्य प्रदेश में 15 लोकसभा सीटों पर सपाक्स उम्मीदवार उतारेगी । ग्वालियर से 3 सतना से 2 मंडला मे एक नाम तय है। मंडला से राम सिंह परस्ते का नाम सपाक्स ने तय कर दिया है।उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जल्द ही लिस्ट जारी की जाएगी।
इसके साथ ही त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश के बाहर भी पार्टी 40- 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उत्तर प्रदेश, राजस्थान हरियाण, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र बिहार झारखंड, उड़ीसा, कर्नाटक समेत सात राज्यों में सपाक्स उम्मीदवार उतारेगी ।सपाक्स पार्टी और सहयोगी पर 9 राज्यों में 56 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। त्रिवेदी ने बताया कि ‘एक देश एक कानून एक झंडा’ हमारा नारा होगा। देश प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाए जाने की जरूरत है। सपाक्स पार्टी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के पक्ष में हैं ।विधानसभा चुनावों में हमें वोटिंग परसेंट कम मिला लेकिन लोगों में जागृति फैली है।
बता दे कि पार्टी अध्यक्ष हीरालाल खुद भी उत्तर प्रदेश की किसी वीआईपी सीट से चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं। पार्टी विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए इस बार उम्मीदवार चयन में काफी सावधानी बरत रही है। मध्यप्रदेश में जोर शोर के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था, जिसके बाद पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मोर्चा बनाया है। चुनाव आयोग ने सपाक्स पार्टी को झूला चुनाव चिन्ह आवंटित किया है, जिस पर पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ मध्यप्रदेश में हुए सवर्णों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली सपाक्स पार्टी आज भी अपने रूख पर कायम है सपाक्स पार्टी जातिगत आरक्षण के खिलाफ है और इसी मुद्दें को लेकर पार्टी लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ेगी।