किसान आंदोलन विशेष : आंदोलन जीवी ही नहीं आन्दोलन सृष्टा भी होते हैं

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। संसद (Parliament) में महामहिम राष्ट्रपति (President) के अभिभाषण के प्रति कृतज्ञता उदबोधन में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एक नया वर्ग परिभाषित किया और इसके लिये एक नया शब्द भी दिया । एक वर्ग आँदोलन कर्मियों के लिये था । उन्होंने कहा कि देश में एक नया वर्ग सामने आया है और वह है आँदोलन जीवी । इन लोगों का धर्म कर्म और जीवन आँदोलन (Movement) के लिये होता है ।

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हालाँकि जब प्रधानमंत्री जी कह रहे थे तब उनकी इस परिभाषा पर संसद में ठहाका लगा । पर प्रधानमंत्री जी ने जो कहा वह निराधार नहीं था और न कोई व्यंग वाक्य । वह तो देश का यथार्थ है । वाकई देश में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो हर आँदोलन में दिखते हैं । और आँदोलन भी कौन सा जो सत्य और तथ्य पर नहीं बल्कि तार्किक भ्रम के आधार पर होता है ।प्रधानमंत्री जी ने जिन भी चेहरों और गतिविधियों को ध्यान में रखकर कहा उनके सहयोगी एक और वर्ग है । वह है आँदोलन सृष्टा का । यह वर्ग मीडिया (Media) प्रिय होता है । इस वर्ग की एक विशेषता होता है वह जानता है कि ऐसी पंच लाइन क्या होना चाहिए जो मीडिया में सुर्खी ले सके ।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)