भोपाल।
किसानों की कर्जमाफी और धान की तारीखों को आगे बढ़ाने के बाद कमलनाथ सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को मजदूरी और बोनस का नगद भुगतान करने का फैसला लिया है।इसके लिए सरकार ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भी भेज दिया है। जिसका फायदा प्रदेश के 33 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा। इसके साथ ही भुगतान के लिए संग्राहकों को कहीं जाना नहीं पड़ेगा। वन विभाग के अधिकारी खुद संग्राहक के पास पहुँचेगा और भुगतान की राशि देगा।बताते चले कि यह वादा कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में भी शामिल किया है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव को देखते हुए कमलनाथ सरकार एक के बाद एक अपने वादों को पूरा करने में जुटी है।इसी कड़ी में सरकार ने प्रदेश के 33 लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को मजदूरी और बोनस का नकद भुगतान करने का फैसला लिया है।इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है। अभी तक संग्राहकों को ई-पेमेंट के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया जाता है, जिससे मजदूर परेशान होते थे।लेकिन सरकार ने फैसला किया है कि अब वन विभाग के अधिकारी खुद संग्राहक के पास जाकर मजदूरी और बोनस का भुगतान करेंगें।अब तेंदूपत्ता संग्राहकों को इसका बेसब्री से इंतजार हैं।
इनका कहना है
प्रदेश के दूरदराज के इलाकों के तेंदूपत्ता संग्राहक ई-पेंमेंट होने से बहुत परेशान थे। संग्राहकों को कई बार 10-15 किलोमीटर का सफर तय कर बैंक तक पहुँचना पड़ता था। ग्रामीण इलाकों में अपेक्षाकृत छोटे बैंक हैं, जिनमें राशि कम रहती है। अक्सर अपना कामकाज छोड़ कर जब शाम तक ये संग्राहक बैंक पहुँचते थे, तो राशि खत्म हो जाने के कारण इन्हें बैरंग लौटना पड़ता था। इससे संग्राहकों में काफी निराशा और हताशा का भाव उत्पन्न हो जाता था।
उमंग सिंघार, वन मंत्री , मप्र
संग्राहकों को भुगतान के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अब पहले से ही गाँव में जाकर निर्धारित दिन और समय की सूचना दे देंगे। निर्धारित समय पर नोडल ऑफीसर वहाँ जाकर उन्हें नगद भुगतान कर देगा। इससे संग्राहक को कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। वन विभाग खुद संग्राहक के पास पहुँचेगा।
राजेश श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक, राज्य लघु वनोपज संघ