भोपाल।
मध्यप्रदेश समेत तीन राज्यों को गंवाने के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी विधानसभा की गलतियों को दोहराना नही चाहती,इसलिए संभल संभल कर कदम रख रही है। हार के बाद टिकटों के मंथन और हर रणनीति पर सोच समझकर काम किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान नजरअंदाज करने के बाद अब संघ को आगे किया जा रहा है। संघ से भी सुझाव मांगे गए है। बीते दिनों ग्वालियर में बड़ी बैठक भी आयोजित की गई थी, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह शामिल हुए थे।बैठक में मोदी रिर्टन्स और सीटों को लेकर चर्चा की गई ।इसी बीच भागवत के वापस नागपुर रवाना होने से पहले बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान को तलब किया। इस दौरान शिवराज ने उन्हें प्रदेश की स्थिति से अवगत कराया तो संघ ने उन्हें पिछली गलती को ना दोहराने की नसीहत दी।
दरअसल, संघ द्वारा तलब करने बाद बुधवार को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में संघ प्रमुख मोहन भागवत करने केदारपुर स्थित सेवा भारती धाम में पहुंचे थे। जहां दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई। इस दौरान शिवराज ने लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के हालात और अपना विजन भी भागवत को बताया।सूत्रों के मुताबिक संघ प्रमुख ने शिवराज से विधानसभा चुनाव के दौरान हुई गलतियों के बारे में चर्चा की और लोकसभा चुनाव में उन्हें ना दोहराने की नसीहत भी दी। सुत्रों की माने तो संघ की अभा प्रतिनिधि सभा में शामिल हुए प्रांत प्रचारकों से फीडबैक मिला है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का कारण केवल शिवराज सिंह चौहान के बयान रहे, जिन्होंने ना केवल लोगों को नाराज किया बल्कि भाजपा के खिलाफ भड़काया।इसके अलावा शिवराज का “माई के लाल” वाला बयान हो या एससी/एसटी एक्ट पर सवर्णों की नाराज़गी हो दोनों चीज़ों ने बीजेपी की हार में भूमिका अदा की है। सवर्ण वोटर का झुकाव शुरू से भाजपा की तरफ रहा है परन्तु इस बार वो भी उनसे छिटक गया, जिसका खामियाज़ा बीजेपी को भुगतना पड़ा।संघ ने शिवराज को साफ शब्दों में कहा कि भाषणों पर ध्यान रखे , विधानसभा चुनाव के दौरान जो गलतियों और चूक हुई उसे दोबारा लोकसभा चुनाव में ना दोहराएं। जी जान से पार्टी के लिए जुट जाए। मुलाकात के बाद शिवराज ने मीडिया से दूरी बना कर रखी और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ शिवपुरी के लिए रवाना हो गए।
सुत्रों की माने तो संघ की अभा प्रतिनिधि सभा में जो चिंतन मंथन हुआ है, संगठन स्तर पर उसका असर लोकसभा चुनाव के बाद सामने आएगा। पता चला है कि संघ अपने कुछ संगठन मंत्रियोें की भूमिका को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकता है। प्रतिनिधि सभा के लिए 2 मार्च से जुटे प्रचारक बुधवार को रवाना हो गए। शाम को चैन्नई राजधानी एक्सप्रेस से सर संघचालक मोहन भागवत भी नागपुर रवाना हुए।