भोपाल।
इस बार फिर मध्यप्रदेश का मानसून सत्र हंगामेदार होने वाला है। जहां विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी तबादला, कर्जमाफी और बिजली कटौती जैसे बड़े मुद्दे बनाकर सरकार का घेराव करेगी और फ्लोर टेस्ट की मांग करेगी। वही हार से आहत कांग्रेस सरकार शिवराज सरकार में हुए घोटालों और न्यायिक जांच की रिपोर्टो को पेश करेगी वही खास करके व्यापमं, पेंशन घोटाले, मोहर्रम जुलूस विवाद और मंदसौर गोलीकांंड को पटल पर रखा जाएगा और विपक्ष से जवाब मांगा जाएगा।
दरअसल, जल्द ही विधानसभा का मानसून सत्र शुरु होने वाला है। इसके पहले बीजेपी कांग्रेस ने अपने अपने स्तर पर तैयारियां करना शुरु कर दिया है। दोनों की दल एक दूसरे को जमकर घेरने वाले है। बीजेपी ने अपने स्तर पर मुद्दा को भुनाने के लिए रणनीति बना ली है, वही हाल ही में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से आहत कांग्रेस ने भी विपक्ष को घेरने के लिए मोर्चा संभाल लिया है और तैयारियां शुरु कर दी।इसमें कांग्रेस पेंशन घोटाले, मोहर्रम जुलूस विवाद और मंदसौर गोलीकांंड की जांच रिपोर्ट को लेकर विपक्ष को घेरेगी।क्योंकि जांच रिपोर्ट में भाजपा से जुड़े नेताओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अमले को क्लीनचिट दी गई है। हालांकि मंदसौर गोलीकांड को लेकर अभी भी संशय है।
गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना है कि मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट अभी टेबल नहीं हुई है। इसकी समीक्षा करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा के बाद इसे पटल पर रखा जाएगा। पेंशन घोटाले संबंधी जैन आयोग और पेटलावद जांच आयोग की रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। इन्हें इसी सत्र में टेबल किया जाएगा।वही विधानसभा में सरकार को बजट पारित कराना भी चुनौती होगी क्योंकि भाजपा की कोशिश होगी कि उसमें ही सरकार को उलझाकर फ्लोर टेस्ट की नौबत ले लाए।हालांकि डामोर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को राहत रहेगी, जबतक उपचुनाव नही हो जाते।ऐसे में कुल मिलाकर पूरे सत्र हंगामेदार होने वाला है।